त्वरित टिप्पणीः क्या मोदी के चेहरे पर भरोसा नहीं रहा है?

त्वरित टिप्पणीः क्या मोदी के चेहरे पर भरोसा नहीं रहा है?

प्रेषित समय :21:09:13 PM / Wed, Jul 7th, 2021

प्रदीप द्विवेदी. केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल हो गया है और जिस तरह की तस्वीर उभरी है, उसमें दो बातें साफ हैं....

एक- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद शायद मोदी के चेहरे पर भरोसा नहीं रहा है, इसीलिए चुनावी राज्यों से ज्यादा मंत्री लिए गए हैं, मतलब- योग्यता नहीं, सियासी जरूरत ज्यादा महत्व रखती है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब प्रधानमंत्री सहित इतने केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, बंगाल में जीत नहीं दिला सके, तो ये नए मंत्री अपने-अपने राज्यों में क्या कर पाएंगे?

दो- जिस तरह से फेरबदल किया गया है, लगता है गुनाह किसी का, सजा किसी और को दी गई है? कायदे से केंद्र सरकार केवल और केवल मोदी के निर्देशानुसार चल रही थी, फिर गलतियों के लिए कुछ मंत्रियों को क्यों हटाया गया? बेहतर होता यदि बीजेपी मोदी के बजाए नितिन गडकरी जैसे किसी योग्य सांसद को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी देती, ताकि वे हालात को सुधार सकते और 2024 के लोकसभा चुनाव तक बीजेपी अच्छी स्थिति में आ जाती!

बहरहाल, मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अनेक दिलचस्प प्रतिक्रियाएं आ रही हैं-

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने निशाना साधा-
खराबी इंजन में है और बदले डिब्बे जा रहे है!
यही तो है “दुर्दशाजीवी मोदी मंत्रिमंडल” के विस्तार की सच्चाई!

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने  ट्वीट किया- इस्तीफों से असफलता नहीं ढकी जा सकती’ असफलताओं का ठीकरा टीम के सदस्यों पर फोड़ कर कप्तान अपनी असफलताओं से पीछा नहीं छुड़ा सकता है, असफलताओं की जिम्मेदारी तो सबसे पहले कप्तान पर ही आती है!

स्वास्थ्य मंत्री की ऑक्सीजन छीनी,
शिक्षा मंत्री की शिक्षा बीच में ही छूटी,
श्रम मंत्री बेरोजगार कर दिए गए,
आईटी मंत्री का मंत्रालय हैक हुआ,
पर्यावरण मंत्री का वातावरण दूषित हुआ.
उम्मीद है तब नहीं तो अब यह #TrollMinisters देश का दर्द अच्छे से समझ पाएंगे.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी ने रहस्यमयी सियासी ट्वीट किया- आज सौदा कम्पलीट हुआ!

प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट मंजुल ने व्यंग्यबाण चलाए- सेकेंड वेव के समय स्वास्थ्य मंत्री बगैर मॉस्क के लाखों की भीड़ जमा करके चुनावी रैली कर रहे थे, इसी वजह से उन्हें हटा दिया गया है!

पवन कुमार बंसल ने लिखा- डाॅ. हर्षवर्धन का मन्त्री पद तो कोविड का शिकार हो गया और मंत्रिमंडल में फेरबदल प्रधानमंत्री द्वारा महामारी से निपटने व देशवासियों पर पड़े कहर से निजात दिलाने में विफलता का अप्रत्यक्ष स्वीकारना है, लेकिन क्या अपने कर्तव्य की घोर अवहेलना के जिम्मेदार वह अकेले ही हैं?

सियासी सयानों का मानना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल मात्र से कुछ हांसिल नहीं होगा, जब तक मोदी अपनी गलतियों को नहीं सुधारेंगे, अपने सियासी तौर-तरीके नहीं बदलेंगे!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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