नई दिल्ली. चिराग पासवान ने पशुपति कुमार पारस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित कैबिनेट में शामिल किए जाने का कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि लोकजनशक्ति पार्टी के कोटे से रामविलास पासवान के भाई और बागी सांसद पशुपति कुमार पारस को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है और उन्हें केंद्र सरकार में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
चिराग पासवान ने एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा, पशुपति कुमार पारस को पहले ही लोकजनशक्ति पार्टी के खिलाफ जाने और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के लिए निष्कासित किया जा चुका है. पार्टी केंद्रीय मंत्रियों की टीम में उन्हें शामिल करने का कड़ा विरोध करती है.
पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री के किसी को भी अपनी टीम में शामिल करने के अधिकार का सम्मान किया जाता है, लेकिन जहां तक पारस का सवाल है वे लोजपा के सदस्य नहीं हैं. पार्टी को तोडऩे जैसी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए अगर उन्हें मंत्री बनाया जाता है तो लोपजा का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका
साथ ही उन्होंने ट्वीट किया कि लोजपा ने लोकसभा अध्यक्ष के पारस को लोजपा संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता देने के शुरुआती फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है.
एक दूसरे के खिलाफ चाचा-भतीजा
पिछले महीने चिराग पासवान को पशुपति कुमार पारस सहित कुछ बागी सांसदों ने लोजपा अध्यक्ष पद से हटा दिया था. जवाबी कार्रवाई करते हुए पासवान ने अपने चाचा और चार अन्य सांसदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
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