नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में बुधवार को हुए विस्तार में पश्चिम बंगाल के लिए कुछ खास बात थी. राज्य के चार सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. ये नेता हैं- निशिथ प्रमाणिक, जॉन बारला, शांतनु ठाकुर और सुभाष सरकार. केंद्रीय कैबिनेट में इन चेहरों को देखकर लगता है कि भले ही पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव गुजर चुके हैं लेकिन बीजेपी के फोकस में राज्य अब भी बना हुआ है.
पश्चिम बंगाल से मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नेताओं की चर्चा करें तो निशिथ प्रमाणिक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी कहा जाता है. उत्तर बंगाल में उनकी अच्छी पैठ है. इस इलाके से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सात सीटें हासिल हुई थीं. अब उम्मीद की जा रही है निशिथ को मंत्री बनाकर 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर बंगाल के मतदाताओं को साधने की कोशिश की गई है.
शांतनु ठाकुर
इसके अलावा शांतनु ठाकुर को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. शांतनु ठाकुर जिस मटुआ समुदाय से ताल्लुक रखते हैं वो बंगाल में बीजेपी का कोर वोटर बन चुका है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त सफलता के पीछे इस समुदाय का एकमुश्त वोट काफी हद तक जिम्मेदार था. इस समुदाय के वोट बैंक के गणित का आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि राज्य की 42 संसदीय सीटों में से 10 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इनमें से 4 सीटें 2019 में बीजेपी ने जीती थीं और वो भी सिर्फ एक मुद्दे पर कि पार्टी इस समुदाय के हित में नागरिकता संशोधन कानून बनाएगी. राज्य में इस समुदाय की आबादी 3 करोड़ से ज्यादा है.
जॉन बारला
आदिवासी सुमदाय से ताल्लुक रखने वाले जॉन बारला बंगाल की अलीपुरद्वार सीट से सांसद हैं. 2019 के चुनाव में जीतकर वह पहली बार संसद में पहुंचे. पहली बार सांसद बने बारला को अब पीएम मोदी ने अपनी टीम में भी शामिल कर लिया है. दरअसल इसके लिए बारला की बंगाल के चाय बागानों में पकड़ जिम्मेदार है. कभी वो खुद चाय बागान में काम करते थे.चाय बागान में काम करने वाले मजदूरों के अधिकार के लिए उन्होंने काफी काम किया है. पश्चिम बंगाल में आम लोगों के बीच उनकी पहुंच है. पीएम मोदी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल करके बड़ा संदेश देने की कोशिश की है.
सुभाष सरकार
चौथे नेता हैं सुभाष सरकार. वो पेशे से चिकित्सक हैं और बांकुड़ा के रहने वाले हैं. बीजेपी के अनुभवी योद्धा और बांकुड़ा से सांसद सुभाष सरकार लंबे समय तक प्रदेश में पार्टी का प्रबंधन संभाल चुके हैं. उन्हें बंगाल बीजेपी के जमीनी नेताओं में शुमार किया जाता है. बंगाल बीजेपी में अहम पदों पर रह चुके सुभाष सरकार को बेहतर संगठनकर्ता माना जाता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री ममता का एलान, पश्चिम बंगाल में मनाया जाएगा खेला होबे दिवस
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