कोलकाता. पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा मामले में कोलकाता हाई कोर्ट ने कई आदेश जारी किए. हाई कोर्ट ने पुलिस को हिंसा के सभी पीड़ितों के मामले दर्ज करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ितों का इलाज और राशन मुहैया कराने को कहा. चाहे उनके पास राशन कार्ड न उपलब्ध हो.
इसी के साथ हाई कोर्ट ने बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की कमांड अस्पताल कोलकाता में दूसरी अटॉप्सी कराए जाने के आदेश भी दिए. कोर्ट ने मामले में जादवपुर के डीएम और एसपी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए. कोर्ट ने बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव के बाद हुई हिंसा से संबंधित सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया.
चुनाव बाद हिंसा मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार की जांच को 13 जुलाई को बढ़ाया गया है. अब मामले में अगली सुनवाई भी 13 जुलाई को होगी. हाई कोर्ट ने आयोग को समिति गठित कर राज्य में चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं की जांच करने के लिए कहा था.
बंगाल में 2 मई को नतीजों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी। 293 सीटों पर हुए चुनाव में टीएमसी ने 213 में जीत हासिल की थी जबकि बीजेपी के खाते में 77 सीटें आई थीं. चुनाव नतीजे सामने आने के बाद ही राज्य में हिंसा की खबरें आने लगीं. इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: EC, केंद्र और ममता सरकार से मांगा जवाब
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