सुप्रीम कोर्ट की बिहार सरकार को फटकार कहा- गरीब की आजादी अमीर की आजादी से सस्ती नहीं

सुप्रीम कोर्ट की बिहार सरकार को फटकार कहा- गरीब की आजादी अमीर की आजादी से सस्ती नहीं

प्रेषित समय :08:57:11 AM / Sun, Jul 11th, 2021

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गरीब आदमी की आजादी का हनन एक संसाधन पूर्ण और अमीर व्यक्ति की आजादी के हनन से कमतर नहीं है. यह टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की अपील खारिज कर दी, जिसमें राज्य सरकार ने एक ट्रक ड्राइवर को 5 लाख का मुआवजा देने के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी. लॉरी ड्राइवर को यह मुआवजा उसे पटना पुलिस द्वारा 35 दिनों तक अवैध रूप से पुलिस हिरासत में रखने के कारण दिया गया था.

राज्य सरकार का कहना था कि एक चालक को पांच लाख रुपये का मुआवजा देना उचित नहीं है. राज्य सरकार ने कहा कि हमने एक जिम्मदार सरकार की तरह से काम किया है और उसे हिरासत में लेने वाले एसएचओ को निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. लेकिन, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में अपील में आना नहीं चाहिए था.

कोर्ट ने आगे कहा कि आपकी अपील का आधार है कि वह सिर्फ एक ड्राइवर है और उसके हिसाब से पांच लाख रुपये की रकम बहुत है. हमारा मानना है कि आजादी के हनन के मामले में इस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए कि यदि आदमी धनी है तो ज्यादा मुआवजा हो और यदि गरीब है तो कम मुआवजा दिया जाए. पीठ ने कहा कि जहां तक आजादी की क्षति का प्रश्न है तो गरीब आदमी भी अमीर आदमी के बराबर है. हाईकोर्ट द्वारा दिया गया पांच लाख रुपये का मुआवजा सही है.

कोर्ट ने राज्य सरकार को इस दलील पर भी आड़े हाथ लिया कि चालक को रिहा कर दिया गया था, वह अपनी मर्जी से थाने में रह रहा था और आजादी का आनंद ले रहा था. कोर्ट ने कहा कि आप उम्मीद रखते हैं कि कोर्ट इस बात पर विश्वास करेगा. देखिए, आपके डीआईजी क्या कह रहे हैं. वह कहते हैं कि एफआईआर समय से दर्ज नहीं की गई, न ही घायल व्यक्ति का बयान लिखा गया, वाहन का निरीक्षण नहीं किया गया. लेकिन, बिना किसी कारण के वाहन के चालक जितेंद्र कुमार को हिरासत में रखा गया.

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार में पूरी तरह से पुलिस राज है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ट्रक चालक बमुश्किल अपना जीवन चलाते हैं और वह कानून और उसकी मशीनरी के दबाव में रहते हैं. न उन्हें उचित रूप से सोने को मिलता है और उन्हें सामान को समय पर पहुंचाने का दबाव बना रहता है. दूध का टैंकर चलाने वाले कुमार का एक पैदल यात्री के एक्सीडेंट के मामले में पकड़ा गया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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