भोपाल. मध्य प्रदेश पुलिस ने इंदौर में एक महिला के साथ मारपीट के मामले में एक स्थानीय अदालत के दो आदेशों में कथित रूप से जालसाजी करने के आरोप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया है. वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने स्थानीय अदालत के दो फर्जी निर्णय तैयार किये और उनके द्वारा उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस कैडर में पदोन्नति हासिल की. नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर आयुक्त के रूप में भोपाल में पदस्थ संतोष वर्मा को पूछताछ के बाद शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि एक महिला से मारपीट के आरोप मामले में वर्मा ने स्थानीय अदालत के जाली निर्णय तैयार किए और अपने आप को दोषमुक्त दिखाकर आईएएस काडर म में प्रमोशन प्राप्त किया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिला अदालत के एक विशेष न्यायाधीश ने इस साल 26 जून को इंदौर के एमजी रोड थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी.
शिकायत के आधार पर, पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (जालसाजी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग वास्तविक के रूप में) के तहत मामला दर्ज किया.
अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय अदालत के विशेष न्यायाधीश के नाम से दो फर्जी निर्णय बनाए गए जिनपर 6 अक्टूबर 2020 की तारीख अंकित थी. इनमें से एक आदेश में वर्मा को एक महिला को गाली देने, मारपीट करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप से बरी कर दिया गया था, जबकि दूसरे निर्णय में कहा गया था कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है. इस मामले की शिकायत करने वाले जज ने कहा कि उन्होंने 6 अक्टूबर 2020 को ऐसा कोई निर्णय नहीं दिया और वह उस दिन अपना पत्नी का चेकअप कराने के लिए छुट्टी पर थे, जो कैंसर की मरीज हैं. इन फर्जी आदेशों को राज्य सरकार के सामने पेश किया गया जिसके आधार पर वर्मा को पदोन्नति दे दी गई. इस मामले में पुलिस और जांच कर रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना मरीज की मृत्यु के बाद 20 घंटे तक शरीर में रह सकता है वायरस, भोपाल एम्स की रिपोर्ट में खुलासा
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