जयपुर. राजस्थान में गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को अब अपने वेतन से प्रीमियम देना होगा. स्वस्थ रहते हुए कर्मचारी ने अगर योजना का लाभ नहीं भी लिया है तो भी कटौती तो करानी ही होगी. मेडिक्लेम पॉलिसी में सरकारी कर्मचारियों की किश्त एक जुलाई से ही काटी जायेगी.
राज्य के वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिये हैं. राहत की बात यह है कि पेंशनर को किसी तरह की कोई कटौती नहीं करानी होगी. उसे योजना का लाभ सामान्य कर्मचारी की तरह मिलेगा लेकिन उसके खाते से किसी तरह की कोई कटौती नहीं की जायेगी.
इसके तहत सरकारी कर्मचारी को दस लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज मिल सकेगा. फिलहाल वर्ष 2004 के बाद नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को इलाज तो मिल रहा था लेकिन उन्हें परेशानी बहुत हो रही थी. अब राज्य सरकार प्रदेश के सभी निजी हॉस्पिटल्स को इस योजना से जोड़ेगी, ताकि सभी को समान लाभ मिल सके. वहीं पेंशनर को इस योजना के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. कर्मचारी को अपना और अपने पति या पत्नी का जनआधार कार्ड बनाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसके बाद ही उसे लाभ मिलेगा.
इसके तहत 18000 की पे मैट्रिक्स हो और 1 जनवरी 2004 के पूर्व की हो नियुक्ति तो उस कर्मचारी को 265 रुपये प्रतिमाह की किश्त देनी होगी. इसी श्रेणी में 1 जनवरी 2004 के बाद की नियुक्ति है तो उसे 135 रुपये प्रतिमाह होगी किश्त चुकानी होगी. 18000 से 33500 की पे मैट्रिक्स हो और 1 जनवरी 2004 के पूर्व नियुक्ति हो तो उसकी 440 रुपये हर माह किश्त काटी जायेगी. जबकि इसी श्रेणी में 1 जनवरी 2004 के बाद की नियुक्ति हो तो उस कर्मचारी के वेतन से प्रतिमाह 220 रुपये कटौती की जायेगी.
इसके अलावा 33500 से 54 हजार तक की पे मैट्रिक्स हो और 1 जनवरी 2004 पूर्व नियुक्ति हो तो 658 रुपये और इसी श्रेणी में 1 जनवरी 2004 बाद हो नियुक्ति तो 330 रुपये की किश्त प्रतिमाह काटी जायेगी. 54 हजार से ऊपर की पे मैट्रिक्स हो और 1 जनवरी 2004 पूर्व नियुक्ति है तो उसकी कटौती 875 रुपये प्रतिमाह होगी. इसी श्रेणी में 1 जनवरी 2004 बाद नियुक्ति हो तो प्रति माह 440 रुपये की किश्त काटी जायेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
Leave a Reply