भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने कांवड़िया और बोल बम भक्तों की आवाजाही और मण्डली पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्हें धार्मिक स्थानों या अन्य स्रोतों से पानी ले जाने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा सार्वजनिक सड़कों पर चलने और श्रावण (जुलाई-अगस्त) के महीने के दौरान मंदिरों में पानी डालने की अनुमति भी नहीं दी है.ओडिशा सरकार ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर को देखते हुए सावन के महीने में शुरू होने वाली पवित्र बोल बम यात्रा पर रोक लगा दी है. साथ ही सरकार ने कावंड़ यात्रा को भी स्थगित कर दिया.
यह जानकारी विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने मंगलवार को दी इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने का ऐलान किया. ओडिशा सरकार के मुताबिक, किसी भी कांवड़िए या श्रद्धालु को न तो धार्मिक स्थल पर जाने की अनुमति होगी और न ही वे सार्वजनिक स्थानों पर चल सकेंगे. इसके अलावा वे किसी मंदिर में जल चढ़ाने भी नहीं चढ़ा सकेंगे. ओडिशा सरकार ने नदियों से बोल-बम के भक्तों और कांवड़ियों को जल नहीं भरने को आदेश दिए हैं. साथ ही प्रदेश में सावन के महीने में भक्तों को राज्य के किसी भी शिव मंदिर में जलाभिषेक की अनुमति नहीं है. इस दौरान भक्त किसी भी मंदिर पर नहीं जा सकते और ना ही वे सार्वजनिक स्थानों पर चल सकते हैं
हिंदुओं के पवित्र महीने सावन में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त आते हैं. माना जाता है कि लिंगराज मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग अपने आप प्रकट हुए थे, इन्हें किसी ने स्थापित नहीं किया था.यहां विराजमान शिवलिंग स्वयंभू है लिंगराज मंदिर के गर्भग्रह में भगवान शिव और विष्णु की एक साथ पूजा की जाती है. यही वजह है कि यहां सावन में कांवड़ियों के साथ साथ अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ओडिशा: पुलिस ने किया साइबर ठगों का भंडाफोड़, 16 हजार सिम कार्ड हुए जब्त
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