नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की झलक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई कारपोरेशन की बैठक के दौरान भी दिखी है. इस बैठक में भारत ने चीन को दो टूक शब्दों में कहा है कि द्विपक्षीय संबधों में बढ़ोतरी के लिये सीमा पर शांति और सौहार्द्र की बहाली जरूरी है. भारत ने साफ किया कि एकतरफा बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा. बैठक के दौरान सीनियर कमांडर्स स्तर पर बातचीत के लिए सहमति बनी है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर बताया है कि चीनी विदेश मंत्री के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े मसले पर चर्चा हुई. बैठक में रेखांकित किया गया कि एकतरफा स्टेटस quo स्वीकार नहीं. दोनों नेताओं के बीच SCO बैठक से इतर करीब एक घंटे की मुलाकात हुई.
इससे पहले खबर आई थी कि थलसेना ने कहा है कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वे फरवरी में पीछे हटे थे और क्षेत्र में टकराव के शेष मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष वार्ता कर रहे हैं. थलसेना ने कहा कि वह क्षेत्र में बलों की संख्या समेत जनमुक्ति सेना (PLA) की गतिविधियों पर नजर रख रही है.
हाल में मीडिया की एक खबर में कहा गया था कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को फिर से पार कर लिया है और दोनों पक्षों के बीच झड़प की कम से कम एक घटना हो चुकी है. सेना ने इस खबर को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया. थलसेना ने कहा, ‘इस साल फरवरी में सैन्य बलों के पीछे हटने संबंधी समझौते के बाद से किसी भी पक्ष ने उन क्षेत्रों पर कब्जे की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से बलों को पीछे हटाया गया था.’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चीन में 2 साल की उम्र में चोरी हुआ बच्चा, 24 साल बाद मिला, परिवार में खुशी की लहर
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