जबलपुर. मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में फेल-पास का खेल उजागर होने के बाद सर्जरी जारी है. धांधली उजागर करने वाले प्रभारी कुल सचिव को हटाए जाने के बाद अब उप कुलसचिव डॉक्टर आरपी पांडे की प्रतिनियुक्ति सेवा भी तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया. मेडिकल विश्वविद्यालय में फेरदबल का आलम ये है कि वर्तमान में कुलपति सहित तीन लोग ही के पुराने लोगों में बचे हैं. यही वजह रही कि विवि ने आगामी दिनों में होने वाली सारी परीक्षाएं निरस्त कर दी है.
अब एमयू की लडख़ड़ा चुकी व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मेडिकल कॉलेज जबलपुर के फीजियोलॉजी विभाग में पदस्थ प्रोफेसर डॉक्टर प्रभात बुधौलिया को एमयू में नया कुलसचिव बनाकर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है. उनके साथ ही जबलपुर मेडिकल कॉलेज से ही कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर अमित बी किनारे को उपकुलसचिव बनाया गया है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रभारी कुलसचिव डॉक्टर जेके गुप्ता के बाद उपकुलसचिव आरपी पांडे को उनके मूल विभाग में वापस कर दिया गया. उनकी मूल पदस्थापना नरसिंहपुर में आयुष विभाग में है. दोनों ही अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर 18 नवंबर 2020 को आए थे.
विवि में परीक्षा-परिणाम से संबंधित धांधलियों की परतें उधडऩे के बाद पूरा मामला व्यापमं घोटाले जैसा लग रहा है. बावजूद चिकित्सा शिक्षा विभाग इसके लिए जिम्मेदार चेहरों पर सख्त कार्रवाई की बजाए. चेहरा ही बदलने में जुटा है. बिना कारण बताए प्रतिनियुक्ति आदेश वापस लिए जाने का क्रम जारी है. ठेका कंपनी माइंडलॉजिक्स कंपनी की गड़बड़ी पर सिर्फ टर्मिनेशन की ही कार्रवाई की गई. जबकि कायदे इस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी थी.
सभी परीक्षाएं निरस्त
मेडिकल विश्वविद्यालय ने बीएससी नर्सिंग के तृतीय और प्रथम वर्ष की परीक्षा, बीएससी नर्सिंग द्वितीय वर्ष की मुख्य और सप्लीमेंट्री, बीएएमएस प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं निरस्त कर दी है. अब नया टाइम टेबल बाद में घोषित किया जाएगा. इसी के साथ ही परीक्षा फार्म भरने का फिर से अवसर भी दिया जाएगा. नवनियुक्त कुल सचिव डॉक्टर प्रभात बुधौलिया के मुताबिक वह समन्वय बनाकर काम करेंगे. पहली प्राथमिकता विवि की साख लौटाने की होगी. वहीं परीक्षाएं भी करानी है. जल्द ही नया टाइमटेबल घोषित किया जाएगा.
ये है पूरा मामला
चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर विवि में तत्कालीन कुलसचिव जेके गुप्ता की समिति की जांच में रिजल्ट बनाने वाली ठेका कंपनी माइंडलॉजिक्स इंफ्रा टेक और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक वृंदा सक्सेना की भूमिका संदिग्ध मिली थी. इसके बाद ठेका कंपनी को टर्मिनेट करते हुए परीक्षा नियंत्रक वृंदा सक्सेना की प्रतिनियुक्ति वापस ले ली गई थी. वहीं एक लिपिक को निलंबित कर दिया गया है. कोविड संक्रमित रहते हुए भी ठेका कंपनी निजी ईमेल पर परीक्षा नियंत्रक वृंदा सक्सेना और लिपिक को भेजा गया था. कई छात्रों के नंबरों में फेरबदल किया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर से नरसिंहपुर लौट रहे युवक को बदमाशों ने मारी गोली..!
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