जयपुर. जालौर में मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान को लात मारने वाले एसडीएम का तबादले करने पर ब्यूरोक्रेसी अलग-अलग खेमों में बंट गई है. कुछ आईएएस अफसर तबादले का विरोध कर रहे हैं, जबकि कुछ आईएएस अफसर दबी जबान में तबादले के समर्थन में हैं.
आरएएस एसोसिएशन भी दबे स्वर में एसडीएम के तबादले का विरोध कर रही है. हालांकि एसोसिएशन ने अपनी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया है. धौलपुर जिला कलेक्टर एसडीएम के बचाव में उतर आए हैं. कलेक्टर आरके जायसवाल ने 21 सेकेंड के वीडियो के साथ ट्वीट कर सवाल उठाया कि क्या गलती एसडीएम की है या किसान की ?
धौलपुर के कलेक्टर एसडीएम के पक्ष में
धौलपुर के कलेक्टर ने कहा है कि क्या आत्मसुरक्षा में एसडीएम के द्वारा बचाव में कार्यवाही की गई? देखें और निर्णय करें. हालांकि जायसवाल के इस वीडियो ट्वीट को भी लोगों दूसरे 30 सेकेंड का पूरे वीडियो के साथ खुद ट्रोल कर दिया है. जिसमें कहा गया है कि आईएएस जायसवाल अधूरी जानकारी के साथ बचाव कर रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
जालौर के नेताओं ने लिया कलेक्टर को निशाने पर
जालौर के बीजेपी के एक नेता श्रवण सिंह 30 सेकंड का वीडियो डालकर कहा कि अधूरे वीडियो से नहीं, बल्कि पूरे वीडियो को देखकर तय करें कि किसने क्या गलती की. दरअसल जालौर क्षेत्र में मुआवजे की मांग कर रहे किसानों को रोकते समय हाथापाई में एसडीएम के द्वारा किसान को लात मारने का वीडियो वायरल हो गया.
भारत माला प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे किसान
किसान भारत माला प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे और मुआवजे को लेकर ना खुश थे. इसी बीच, हाथापाई में एसडीएम भूपेंद्र यादव के लात मारने का वीडियो वायरल हो गया. इस मामले में राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है. घटना के बाद एसडीएम भूपेंद्र यादव का ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया.
लात मारने का यह था पूरा मामला
घटना सांचौर क्षेत्र के प्रतापपुरा गांव मैं भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत होने जा रहे निर्माण कार्य को लेकर घटित हुई. जहां ग्रामीणों ने अपने गांव की सरहद पर ही कार्य को रुकवा दिया. मौके पर पुलिस बल भी मौजूद था. जिन्होंने ग्रामीणों को हटाने का प्रयास किया. जहां हाथापाई में एसडीएम ने भी किसान को लात मार दी. घटना को लेकर किसानों में रोष को देखते हुए सरकार ने देर रात एसडीएम भूपेंद्र यादव को सांचोर से हटाकर जोधपुर विकास प्राधिकरण में उपायुक्त लगा दिया. इसके बाद किसानों की नाराजगी तो कम हो गई, लेकिन ब्यूरोक्रेसी इस तबादले को लेकर ना खुश नजर आ रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान में किसान की बेटियों का कमाल, एक घर की पांच बहनें बन गईं RAS अफसर
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