चंडीगढ़. कांग्रेस पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू के हाथों में पंजाब की बागडोर सौंप दी है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि आलाकमान का जो भी फैसला होगा, उसे वह स्वीकार करेंगे. पहले खबर आई कि सीएम ने 21 जुलाई को सभी विधायकों और सांसदों को लंच पर बुलाया है. सिद्धू को इसका न्योता नहीं भेजा गया है. हालांकि पंजाब सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने इस खबर का खंडन किया. उन्होंने कहा कि कैप्टन के द्वारा राज्य के कांग्रेसी विधायकों और सांसदों को 21 जुलाई को लंच पर बुलाने की खबर गलत है. इस तरह के किसी लंच के लिए न तो योजना बनाई गई है और न ही आमंत्रण भेजा है.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को घोषणा की कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सुनील जाखड़ की जगह लेंगे. कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले क्रिकेटर से नेता बने राहुल गांधी की मदद के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है. नए कार्यकारी अध्यक्ष संगत सिंह गिलजियान, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा हैं. पीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में नामित होने के बाद, सिद्धू ने जालंधर से लौटते समय पटियाला के दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका. रविवार की रात 11 बजकर 40 मिनट पर जब सिद्धू पटियाला स्थित अपने आवास पहुंचे तो उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया.
आपको बता दें कि पंजाब में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तकरार खुलकर सामने आ गई थी. कैप्टन की सहमति के बिना कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू के हाथों में पंजाब की बागडोर सौंप दी है. हालांकि शुरुआती रुझान से ही साफ-साफ दिख रहा है कि दोनों के बीच तालमेल बिठाने में काफी मुश्किल होने वाली है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब की कमान नवजोत सिद्धू को सौंपने के साथ सोनिया ने बनाएं चार कार्यकारी अध्यक्ष
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