हरियाणा से जल विवाद में दिल्ली सरकार की याचिका खारिज, SC ने चेताया- ऐसी अर्जी दाखिल करना करें बंद

हरियाणा से जल विवाद में दिल्ली सरकार की याचिका खारिज, SC ने चेताया- ऐसी अर्जी दाखिल करना करें बंद

प्रेषित समय :15:23:37 PM / Fri, Jul 23rd, 2021

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-हरियाणा जल विवाद पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को याचिका खारिज कर दी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा चेताया कि इस तरह की अर्जी दाखिल करना बंद करें. कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी याचिकाएं दाखिल होना बंद ना हुईं तो  हम अर्जी दाखिल करने पर रोक लगा देंगे.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर सुनवाई की जिसमें हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन और देवेंद्र सिंह के खिलाफ वजीराबाद जलाशय में जल स्तर को पूरी क्षमता से बनाए रखने के सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 1996 के आदेश की जानबूझकर आदेश का पालन ना करने के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी.

सुनवाई में अदालत ने पूछा कि कृपया हमें बताएं कि 26 साल बाद अब अवमानना क्या है. कमेटी हमने नियुक्त की थी, जिसके मुताबिक कहा गया था कि हरियाणा की ओर से छोड़ा जा रहा पानी सही है. सुनवाई के दौरान जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि हम आपको चेतावनी दे रहे हैं. कृपया सरकार को सलाह दें कि याचिका के बाद याचिका दाखिल करने से बचें, यह चौथी बार है जब आप यहां आ रहे हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने अवमानना का की याचिका खारिज कर दी.

जानकारी के मुताबिक यमुना के जरिए मिलने वाले 120 क्यूसेक पानी को दिल्ली जल बोर्ड अपने ओखलाा, बवानाा, द्वारका, वजीराबाद, हैदरपुर आदि  वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में स्टोर करता है और उसको पीने योग्य बनाता है. हरियाणा पर हमेशा आरोप लगता रहा है कि यमुना में अमोनिया का ज्यादा लेवल बढ़ने की वजह से दिल्ली पानी की सप्लाई को पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं कर पाता है.

जल बोर्ड का आरोप यह भी है कि उसको कैरीड लाइन चैनल के जरिए 549 क्यूसेक और दिल्ली सब ब्रांच से 306 पानी क्यूसेक पानी ही सप्लाई होता है. यह हथनीकुंड व मुनक नहर के साथ-साथ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के जरिए दिल्ली को सप्लाई किया जाता है.

वहीं, हरियाणा का यह भी दावा करता रहा है कि वह हर रोज 120 क्यूसेक पानी यमुना के जरिए भी दिल्ली को मुहैया कराता रहा है. हरियाणा का दिल्ली पर लगातार यह भी आरोप लगता रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड सीधे तौर पर मिलने वाले पानी को यूज नहीं करता है बल्कि वह खेती आदि के लिए भी हरियाणा से मिलने वाले पानी को प्रयोग करता रहा है. जल बोर्ड ने अपने वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों को भी अपग्रेड नहीं किया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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