नजरिया. मोदी टीम लंबे समय तक सियासी तोड़फोड़ के लिए बंगाल के चक्कर लगाती रही, खूब तोड़फोड़ भी की, लेकिन चुनाव के नतीजों ने बता दिया कि बंगाल में दीदी-ओ-दीदी की राजनीतिक पकड़ बेहद मजबूत है.
पहले मोदी बंगाल जा-जा कर ममता दीदी को चुनौती देते रहे, तो अब ममता दीदी, मोदी को चुनौती देने दिल्ली आ रही हैं, मतलब- अब साहेब को अपनी गद्दी बचानी है?
बहरहाल, इस वक्त धमाकेदार खबर यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल की नई अध्यक्ष होंगी. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को यह ऐलान किया.
खबर तो यह भी है कि ममता बनर्जी अगले सप्ताह नई दिल्ली की यात्रा पर जाने वाली हैं और मकसद एकदम साफ है- मोदी से सियासी हिसाब बराबर करना!
उधर, दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि ममता बनर्जी हमारी तृणमूल संसदीय दल की अध्यक्ष बनेंगी. यह एक वास्तविकता है जिसे हम औपचारिक रूप दे रहे हैं. ममता बनर्जी सात बार सांसद रही हैं. वह पहले से ही संसदीय दल का मार्गदर्शन कर रही थीं. यह एक रणनीतिक निर्णय है.
जाहिर है, ममता का अपना गढ़ बंगाल अगले पांच वर्षों के लिए सुरक्षित हो गया है, जबकि मोदी को यूपी, गुजरात सहित अनेक राज्यों में अपने गढ़ बचाने हैं, तो 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ना है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मोदी टीम ने खूब सियासी हंगामा मचाया था, अब देखना दिलचस्प होगा कि मोदी, ममता के सियासी हमलों से कैसे बचते हैं?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बंगाल की खाड़ी में बन रहा है नया सिस्टम, देश के अनेक हिस्सों में भारी बारिश की संभावना
अभिमनोजः मोदी टीम के लिए अब पश्चिम बंगाल को साधना आसान नहीं है?
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