नई दिल्ली. पेगासस जासूसी केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. जासूसी किए जाने वालों की लिस्ट में कुछ और नाम जुड़ते नजर आ रहे हैं. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के पूर्व डायरेक्टर जनरल (डीजी) केके शर्मा, इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुख्य सलाहकार वीके जैन की भी जासूसी किए जाने की संभावना है.
इसके अलावा रिसर्च एनालिसिस विंग (रॉ) के एक रिटायर्ड अधिकारी, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक जूनियर अधिकारी और 2 पूर्व आर्मी ऑफिसर की भी जासूसी होने की आशंका है. दरअसल, इन लोगों के नाम 50 हजार फोन नंबरों के डेटाबेस में शामिल थे, जिनके नंबरों की जासूसी की गई. इजरायली स्पायवेयर कंपनी एनएसओ ग्रुप के क्लाइंट्स ने इन नंबरों की जासूसी करवाई है.
आरएसएस से जुड़ा कार्यक्रम अटेंड करने के बाद शर्मा का नाम जोड़ा
द वायर के मुताबिक केके शर्मा का नाम लिस्ट में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़ी एक कांफ्रेंस में शामिल होने के एक महीने बाद जोड़ा गया. ये कांफ्रेंस कोलकाता में फरवरी 2018 में हुई थी. इस कार्यक्रम के बाद पश्चिम बंगाल में काफी हंगामा भी हुआ था. टीएमसी ने शर्मा के आरएसएस से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने पर आपत्ति जताई थी.
सीबीआई अधिकारी के परिवार की भी जासूसी कराई
द वायर की रिपोर्ट में 2017 से 2019 के बीच ईडी ऑफिसर राजेश्वर सिंह के परिवार की जासूसी कराने की संभावना भी जताई गई है. वे इस समय लखनऊ में तैनात हैं. राजेश्वर सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम एलोकेशन में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के रोल की जांच की थी. उनका नाम 2018 में चर्चा में था. उस समय केंद्र ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच हुए सार्वजनिक विवाद के बाद दोनों को पद से हटा दिया था. बताया जाता है कि इस मामले में राजेश्वर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
2018 में आईएएस अधिकारी जैन का नाम लिस्ट में जुड़ा
लिस्ट में पूर्व आईएएस अधिकारी वीके जैन का नाम भी शामिल है. जैन केजरीवाल के मुख्य सलाहकार रह चुके हैं. उनका नाम 2018 में पेगासस के डेटाबेस में जोड़ा गया. इस समय केजरीवाल सरकार दिल्ली की शिक्षा नीति और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने का काम कर रही थी.
सरकार से असहमति जताने वाले कर्नल भी जासूसी लिस्ट में
पूर्व आर्मी ऑफिसर कर्नल मुकुल देव का नाम डेटाबेस में 2019 में जोड़ा गया. मुकुल देव सरकार के कई फैसलों के खिलाफ अपनी असहमति जाहिर कर चुके हैं. सबसे चर्चित मामला शांत क्षेत्रों में तैनात आर्मी अधिकारियों का मुफ्त राशन खत्म करने का था. इस मुद्दे पर कर्नल मुकुल देव ने सरकार को अदालत जाने की धमकी दी थी.
कर्नल ने द वायर को बताया कि मुझे सेना के लिए लडऩे के लिए टार्गेट किया गया. मुझे इस बात की जानकारी थी कि 2018 से मुझे सर्विलांस पर रखा गया है. मैंने पंजाब पुलिस के पास इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी. सेना के एक और अधिकारी कर्नल अमित कुमार को भी सर्विलांस लिस्ट में रखा गया था. उन्होंने हिंसाग्रस्त इलाकों में तैनात जवानों पर केस किए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई थी. वायर की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएफ कमांडेंट जगदीश मथानी, रिटायर्ड रॉ अधिकारी जितेंद्र कुमार ओझा और नीति आयोग के सीनियर अधिकारी भी सर्विलांस लिस्ट में शामिल थे.
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