पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी पेगासस मामले में मुखर हो गए है, उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2017 में इजरायल के दौरे पर गए थे, पेगासस जासूसी भी 2017 व 2018 से शुरु हुई है. मोदी सरकार के कार्यकाल में ही मोबाइल फोन कं पनियों के जरिए लाखों लोगों की निगरानी की गई है, कमलनाथ ने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जस्टिस से कराने की मांग की है, उन्होने यह भी कहा कि जांच करने वाले जस्टिस भी वैसे होना चाहिए जिसकी पहले से जासूसी न की गई हो.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने आगे कहा कि पेगासस मामले का खुलास कांग्रेस ने नहीं बल्कि अंतर्रराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने किया है, मोदी सरकार ने गैरकानूरी तरीके से जासूसी कराकर कर्नाटक में कुमार स्वामी की सरकार को गिराया, मध्यप्रदेश में भी सरकार गिराने के लिए जासूसी कराए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है, उन्होने यह भी आरोप लगाया कि है कि झारखंड में भी विधायकों को खरीदने का काम मोदी सरकार कर रही है, इस कांड से हमारे अधिकारी पर सबसे बड़ा हमला हुआ है. यह पिछले कुछ दिनों में सामने आया है और अगले 15 दिनों में यह मामला और ज्यादा गरमाएगा. कमलनाथ ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए फ्रांस ने जांच शुरु कर दी है अन्य देश भी जांच शुरु करने जा रहे है तो भारत में इस मामले की जांच क्यो नहीं हो रही है, उन्होने कहा कि फैंटम जैसे दूसरे स्पाई साफ्टवेयर भी इसी तरह के है उन्होने सरकार से पूछा कि क्या आपने अन्य साफ्टवेयर भी इस तरह से खरीदे है, केन्द्र सरकार बताए कि यह जासूसी साफ्टवेयर प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए खरीदा या देश की सुरक्षा के लिए , अगर सरकार हलफनामा देती है कि उन्होने नहीं खरीदा है तो भी किसी न किसी ने इसे खरीदा होगा, हो सकता है कि चीन से इसे खरीदा हो व जासूसी कराई हो लेकिन से पहले सरकार को कोर्ट में हलफनामा देना होगा. गौरतलब है कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन है किए जाने का खुलाासा संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले हुआ है. दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप किए गए उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित कई पत्रकार भी शामिल हैं.
शिवराजसिंह चौहान अपनी चिंता करें, कांगेे्रस की नही-
पूर्व सीएम कमलनाथ ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस की नहीं बल्कि अपनी चिंता करें. उन्होंने जासूसी कांड को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला. यही वजह है कि शिवराज सिंह चौहान को नरेंद्र मोदी के बचाव में उतरना पड़ा. वे एक बार मोदी से पूछ लें कि क्या मैं विधानसभा में एफिडेविट दे दूं कि सरकार ने जासूसी नहीं कराई. इससे साफ पता चलता है कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-क्या कमलनाथ, गहलोत-पायलट सियासी विवाद में कुछ कर पाएंगे?
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