भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को पेगासस स्पाईवेयर जासूसी मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पेगासस जासूसी मामला सामने आया है और अगले 15 दिनों में यह मामला और गरमाएगा. उन्होंने कहा कि इस कांड से हमारे अधिकारों पर सबसे बड़ा हमला हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि पेगासस मामले का खुलासा कांग्रेस ने नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने किया है. कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2017 में इजरायल के दौरे पर गए थे. यह जासूसी भी 2017 और 2018 में शुरू हुई. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में मोबाइल फोन कंपनियों के जरिए लाखों लोगों की निगरानी की गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम कमलनाथ ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जासूसी सॉफ्टवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या मोदी की सुरक्षा के लिए खरीदा गया है. उन्होंने कहा कि अगले पंद्रह दिनों में बड़े खुलासे होंगे. इसके साथ ही कमलनाथ ने इस पूरे प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से कराने की मांग करते हुए कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं को विश्वास में ले. उन्होंने कहा कि जांच करने वाला न्यायाधीश भी वैसा होना चाहिए, जिसकी पहले से जासूसी न की गई हो.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने पेगासस जासूसी मामले में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में शपथ-पत्र देकर कहे कि उसने ऐसा कोई सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा है.
कमलनाथ ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए फ्रांस ने जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही अन्य देश भी जल्द ही जांच शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि भारत में अब तक इसकी जांच क्यों नहीं हो रही.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-क्या कमलनाथ, गहलोत-पायलट सियासी विवाद में कुछ कर पाएंगे?
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