जयपुर. इन दिनों बिजली के बिलों में आ रही समस्याओं को लेकर आम उपभोक्ता परेशान हैं और कई क्षेत्रों में निजी हाथों में व्यवस्था सौंपने के बाद विद्युत वितरण निगम के अधिकारी इससे जुड़ी समस्याओं से पल्ला झाड़ने में लगे हैं तो उपभोक्ताओं की सुनवाई का काम कहीं नहीं हो पा रहा हैं. घर की प्राथमिक जरूरत होने से आम उपभोक्ता कनेक्शन कटने के डर से बिल को किस्तों में चुकाने या छिटपुट राहत के साथ भरने का प्रयास करता हैं और बाद में सुनवाई के नाम पर कुछ हासिल नहीं होता हैं.
देश में कोरोना संकट के बाद केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा दिये गये पैकेज व छूट भी उपभोक्ताओं तक पहुँचती नजर नहीं आ रही हैं तो पहले जिन सुविधाओं को देने की घोषणा की गई थी वे भी अब जोड तोड के साथ वसूल होती नजर आ रही हैं. कोरोनाकाल में बिजली व पानी के बिल भरने में समय अवधि की छूट जैसी बातें भी नये बिलों में हवा होती नजर आ रही हैं.
बताया जाता हैं कि बिजली बिलों की वसूली व्यवस्था निजी हाथों में जाने के बाद कनेक्शन काटने व उगाही का काम प्रभावी ढंग से हो रहा हैं अतः अति आवश्यक सुविधा होने से उपभोक्ता बिल भरने बाध्य हो रहा हैं. उपभोक्ताओं की शिकायत बढ़ रही हैं और शिकायत निस्तारण के दौरान वायर आदि की आवश्यकता की पूर्ति भी उपभोक्ताओं से करवाने की बात सामने आ रही हैं.
उपभोक्ताओं से हुई चर्चा अनुसार बात करें बिल में समयावधि छूट की तो जिन उपभोक्ताओं ने सरकार की घोषणा के अनुसार बिल नहीं भरे व एक साथ भरने का सोचा उन्हें अपना बिल जम्बो नजर आने लगा हैं. सूत्रों के अनुसार प्रतिमाह बिल व्यवस्था में यूनिट उपयोग के साथ यूनिट दर के अनुरूप बिल दिये जाने का प्रावधान हैं परन्तु बिल नहीं भर एक साथ बिल जमा करवाने की सुविधा लेने वालो को सभी यूनिटों के जोड के अनुरूप यूनिट दर से बिजली बिल मिलने की समस्याएं कई स्थानों पर आई हैं अतः बिल अनुमान से कहीं अधिक नजर आ रहा हैं. यूनिट दर अधिक उपयोग अनुसार बढ़ती हैं जो एक साथ यूनिट जोड़ने पर काफी अधिक हो रही हैं ऐसी भी सूचनाएं हैं.
दूसरा मीटर की समस्याएं हैं, कई मीटर के एक नियत तापमान से अधिक की स्थिति में प्रभावित होने की शिकायत रही हैं व विधुत वितरण निगम भी ऐसे मीटर बनाने वाली फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर चुका हैं. ऐसे मीटर जिन उपभोक्ताओं के घरों में लगे हैं उन्हे गर्मियों के दौरान अधिक बिल आने की समस्या का सामना करना पडता हैं और शिकायत करने पर निगम के लोगो द्वारा तर्क दिया जाता हैं कि गर्मियों में कूलर पंखों के कारण बिल अधिक हैं जबकि जिन लोगों द्वारा कूलर का उपयोग नहीं किया जाता हैं उन्हे हज़ारों में बिल भरना पड़े तो नागवार गुजरता हैं.
तीसरी समस्या कोरोना काल में एवरेज बिल देने की रही हैं, निगम द्वारा मीटर रीडिंग नहीं करवाने के बाद एवरेज से बील दिये गये व कई उपभोक्ताओं को यह ऐवरेज भारी पड गया. दुकानदार की दुकान बंद रहने या व्यावसायिक संस्थान बंद रहने पर भी कई उपभोक्ता ऐवरेज बील से परेषान हुए तो दूसरी और कई उपभोक्ता कोरोना संकट में अपने मूल निवास या अन्यत्र चले गये उन्हे भी एवरेज बिल भारी पड रहा हैं. ऐसे लोगो की तादाद हज़ारों में हैं.
आम उपभोक्ता की परेशानी वास्तविक व अपनी जगह हैं और विद्युत निगम चाहे जितने तर्क व कारण दे परन्तु बिल की समस्या का समाधान आवष्यक हैं. सरकार द्वारा की गई घोषणा व छूट की व्यवस्था के साथ कोरोना संकट में मानवीय दृष्टिकोण से राहत देने की बात पर विचार किया जाना आवश्यक हैं.
मीटर रीडिंग से जुड़ी समस्याओं व अन्य विषयों को लेकर विद्युत वितरण निगम द्वारा मीटर की फोटो भेजकर सूचना देने सहित कुछ अन्य समस्याओं की जानकारी देकर उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान हेतु पहल की लेकिन इसकी जानकारी अधिकतर आम उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंची व राहत की संभावना क्षीण रही. निगम की कनेक्षन काटने व वसूली की व्यवस्थाएं जितनी प्रभावी हैं उतने प्रभावी राहतकारी इंतजाम नहीं हैं ऐसा प्रतीत होता हैं.
इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता आंदोलनकारी, भारतीय उपभोक्ता परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उपभोक्ता महासंघ राजस्थान के मुख्य संरक्षक डॉ. अनन्त शर्मा ने कहा कि बिजली बिलों की समस्या को लेकर विभिन्न बिंदुओं की तथ्यात्मक जानकारी व साक्ष्य होने पर सम्बन्धित विधुत वितरण निगम को नोटिस भेजकर उपभोक्ता को राहत दिलवाने का प्रयास किया जायेगा. इस बाबत उपभोक्ता महासंघ के स्थानीय प्रतिनिधियों से सम्पर्क किया जा सकता हैं. ध्यान रहे डॉ. शर्मा विभिन्न माध्यम व सोशल मीडिया आदि के द्वारा उपभोक्ताओं से जुड़े हैं व राहत दिलवाने सतत प्रयासरत हैं.
भारतीय उपभोक्ता परिसंघ के राष्ट्रीय सचिव निरंजन द्विवेदी कहते हैं कि बिल राशि की अधिकता, बिलों के निर्धारण मापदण्ड, मीटर से जुड़ी समस्या और एवरेज बिल से सम्बद्ध समस्याओं को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री एवं राज्य के विद्युत वितरण निगम प्रबन्धन को संगठन की और से राहत देने पत्र भेजा गया हैं.
उपभोक्ता महासंघ राजस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी हरिप्रसाद योगी ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं को विभिन्न स्तरों पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा हैं और समस्या से जुड़े दस्तावेज व तथ्यात्मक सूचनाओं के साथ उपभोक्ता मंच में कार्यवाही के माध्यम से राहत संभव हैं.
उपभोक्ता आंदोलनकारी दीपक श्रीमाल ने बताया कि बिजली बिलों से जुड़ी समस्याओं का संकलन किया जा रहा हैं और इससे सम्बद्ध समस्याएँ में उपभोक्ताओ को राहत दिलवाने सक्षम मंच पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही हैं.
दक्षिण राजस्थान में इस समस्या के बारे में बात करने पर उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े डॉ. आर के मालोत व सुनील दोसी ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के बिल अधिक प्रतीत हो रहे हैं और विगत दो वर्षों के बिलों के अनुपात में अधिक हैं उन्हें तथ्यात्मक सूचना के साथ उपभोक्ता मंच में कार्यवाही करनी चाहियें. इस संबंध में उपभोक्ता महासंघ द्वारा मार्गदर्शन व सहयोग किया जायेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थानी वेलफेयर एसोसिएशन ने 3 ट्रक राहत सामग्री भेजी बाढ़ पीड़ितों को
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