प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिक पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के मामले में अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि भारतीय दंड संहिता की धारा-375 में संशोधन के बाद 15 वर्ष से अधिक आयु की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता है. कोर्ट ने पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और आप्रकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोपी की जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी पति मुरादाबाद के खुशाबे अली की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया है. जस्टिस मो. असलम की एकलपीठ ने ये आदेश दिया है.
गौरतलब है कि याची के खिलाफ उसकी पत्नी ने आठ सितंबर 2020 को मुरादाबाद के भोजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पत्नी ने दहेज उत्पीड़न, मारपीट करने और धमकी देने के अलावा आप्रकृतिक यौन संबंध बनाने का भी मुकदमा दर्ज कराया था. याची के अधिवक्ता केशरीनाथ त्रिपाठी का कहना था कि मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में पीड़िता ने आप्रकृतिक यौन संबंध बनाने व याची के भाइयों द्वारा दुष्कर्म करने की बात से इंकार किया गया है.
याची के अधिवक्ता ने कहा कि आईपीसी की धारा-375 में 2013 में किए गए संशोधन के बाद 15 वर्ष की आयु से अधिक की पत्नी से यौन संबंध बनाना दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता है. कोर्ट ने कहा कि धारा-375 में कई संशोधन किए गए हैं. संशोधित धारा की व्याख्या संख्या दो में यदि पत्नी पंद्रह वर्ष से कम आयु की नहीं है तो उसके साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जाएगा. कोर्ट ने याची की जमानत मंजूर करते हुए शर्तों के साथ उसे रिहा करने का आदेश दिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपीएससी सीडीएस का नोटिफिकेशन जारी, इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में 339 भर्तियां
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