अंतरिक्ष में EOS-3 सैटेलाइट लॉन्च करने का काउंटडाउन शुरू, दुश्मन और आपदाओं से करेगा सुरक्षा

अंतरिक्ष में EOS-3 सैटेलाइट लॉन्च करने का काउंटडाउन शुरू, दुश्मन और आपदाओं से करेगा सुरक्षा

प्रेषित समय :09:19:16 AM / Wed, Aug 11th, 2021

नई दिल्ली.  अंतरिक्ष में ईओएस -3 (EOS-3) सैटेलाइट लॉन्च करने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. ये सैटेलाइट 12 अगस्त को 5.43 मिनट पर भी लॉन्च की जाएगी. हालांकि इसका समय मौसम स्थिति पर निर्भर करेगा. इसरो की ओर से इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-F10 सतीश धवन स्पेस सेंटर शार, श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, EOS-03 को लॉन्च करेगा.

बताया जा रहा है कि इस लॉन्च से भारत को काफी फायदा होगा. अगर ये मिशन सफल होता होता है तो मौसम संबंधी गतिविधियों को समझने में भी आसानी होगी. EOS-03 एक दिन में पूरे देश की 4-5 बार तस्वीर लेगा और मौसम से जुड़ा डेटा भेजेगा. इससे बाढ़ और चक्रवात जैसी आपदाओं की रियल टाइम निगरानी होगी.

ये सैटेलाइट सीमा की सुरक्षा के लिए भी काम आएगा. ये एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जो भारत की जमीन और उसके सीमाओं पर अंतरिक्ष से नजर रखेगा. रॉकेट EOS-3/GISAT-1 सैटेलाइट को जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा, जहां पर ये 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती का चक्कर लगाता रहेगा.

EOS-3 सैटेलाइट OPLF कैटेगरी में आता है. इसका मतलब ये है कि सैटेलाइट 4 मीटर व्यास के मेहराब जैसा दिखाई देगा. इसरो सूत्रों की माने तो ये स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन से लैस रॉकेट की आठवीं उड़ान होगी. जबकि GSLV रॉकेट की 14वीं उड़ानलॉन्च के 19 मिनट के अंदर EOS-3 सैटेलाइट अपने निर्धारित कक्षा में तैनात कर दिया जाएगा. 2268 किलोग्राम वजनी EOS-3 सैटेलाइट अब तक का भारत का सबसे भारी अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट होगा.

इसके पहले भारत ने 600 से 800 किलोग्राम के सैटेलाइट लॉन्च किए थे. ये सैटेलाइट्स धरती के चारों तरफ 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर पोल से पोल तक का चक्कर 90 मिनट में एक बार लगाते थे. इस सैटेलाइट की खास बात हैं इसके कैमरे. इस सैटेलाइट में तीन कैमरे लगे हैं. पहला मल्टी स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (6 बैंड्स), दूसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (158 बैंड्स) और तीसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल शॉर्ट वेव-इंफ्रारेड (256 बैंड्स). पहले कैमरे का रेजोल्यूशन 42 मीटर, दूसरे का 318 मीटर और तीसरे का 191 मीटर. यानी इस आकृति की वस्तु इस कैमरे में आसानी से कैद हो जाएगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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