नई दिल्ली. सत्ता साझा करने के प्रस्ताव को धता बताते हुए तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रांतों पर बम बरसाना जारी रखा है और वो काबुल से महज़ 80 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. शांति वार्ता समिति नया मसौदा तैयार करने में लगी हुई है, जिसमें राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार की पूरी तरह से बेदखली हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक कि अफगानिस्तान में युद्ध विराम के लिए जिस नए फार्मूले पर काम हो रहा है, उसके तहत गनी प्रशासन को पीछे हटना होगा.
तालिबान, सेना अधिकारियों और कुछ वर्तमान प्रतिनिधियों के साथ अंतरिम सरकार बनाई जाएगी. तमाम विचार विमर्श के बाद ये फार्मूला सभी संबंधित दलों के साथ साझा किया जाएगा. चूंकि ये अभी प्रारंभिक स्तर पर है इसलिए योजना किसी भी साझेदार के साथ शेयर नहीं की गई है चाहे फिर वो अफगान सरकार हो या फिर तालिबान.
अलजज़ीरा ने ट्वीट करके बताया कि अफगान सुलह समिति के प्रमुख ने कहा कि तालिबान ने शांति वार्ता को लेकर किसी तरह की गंभीरता प्रदर्शित नहीं की जिससे साफ होता है कि वह राजनीतिक समाधान नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम बातचीत के जरिए राजनीतिक समाधान पर पहुंचना चाहते हैं और इसके लिए मध्यस्थ भी तय किया है. ये बात अफगानिस्तान सरकार के अलगाववादियों के साथ सत्ता शांति कायम करने के बदले में सत्ता साझा करने के प्रस्ताव देने के बाद बाहर निकल कर आई.
तालिबान ने सत्ता के प्रस्ताव को ठुकराया
अलजज़ीरा के मुताबिक सरकारी सूत्रों का कहना है कि अफगान सरकार जो बहुत तेजी से देश पर अपनी पकड़ खोती जा रही है वो किसी भी सूरत में हिंसा को रोकने के पक्ष में है. इसी के चलते उन्होंने सत्ता साझा का प्रस्ताव तक दे डाला है. हालांकि तालिबान ने इस प्रस्ताव को झटक दिया है. तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता ने अलजज़ीरा टीवी को बताया कि उनका समूह दोहा में बातचीत के रास्ते के लिए प्रतिबद्ध है और वो उसे तोडऩा नहीं चाहता है.
सरकार ने मध्यस्थता के सिद्धांत को खारिज किया
वहीं दोहा वार्ता में अफगान सरकार के प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने भी कतर के एक चैनल पर कहा कि सरकार वार्ता में पार्टियों की गंभीरता को निर्धारित करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग करती है. अलजज़ीरा के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि ये सरकार ही थी जिसने मध्यस्थ के सिद्धांत को खारिज कर दिया था. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग करते हैं कि जमीनी हकीकत का सही आकलन करे.
अफगान सरकार ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ने अलजज़ीरा को बताया कि तालिबान की बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है, वो हिंसा के जरिए ही अपना उद्देश्य पूरा करना चाहता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान पर गंभीरता दिखाने का दबाव बनाना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-काबुल ने शांति बहाल करने के लिए तालिबान के सामने रखा सत्ता साझा करने का प्रस्ताव
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