नई दिल्ली. कोरोना के चलते एक तरफ जहां 2020 में घोषित किये गए लॉकडाउन के चलते यात्री ट्रेनें पूरी तरह से ठप पड़ गई थी, वहीं दूसरी तरफ मध्य रेलवे ने इसी अवधि के दौरान रेल परिसरों में मौजूद कचरे से करोड़ों रुपयों की कमाई की है. मध्य रेलवे द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक 2020-21 में मध्य रेलवे ने कचरे से 391 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है.
मध्य रेलवे ने 391 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाया
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग रेल परिसरों में मौजूद कचरे को बेचकर न सिर्फ मध्य रेलवे ने 391 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाया है, बल्कि इससे रेलवे परिसरों को स्वच्छ रखने में काफी मदद मिली है. इसमें मध्य रेलवे के कई विभागों का योगदान काफी महत्वपूर्ण है.
मध्य रेलवे ने जीरो स्क्रैप मिशन शुरू किया है
दरअसल, मध्य रेलवे ने जीरो स्क्रैप मिशन शुरू किया है, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि मध्य रेल के प्रत्येक मंडल, कारखाना और शेड स्क्रैप सामग्री से मुक्त हो. इन स्क्रैप सामग्री में स्क्रैप रेल, पर्मानेंट वे सामग्री, खराब कोच, वैगन और लोकोमोटिव आदि शामिल हैं. मध्य रेल ने 8.65 करोड़ रुपये की आय के साथ ई-नीलामी के माध्यम से जैसा है जहां है आधार पर छोड़े गए सामग्री का निपटान किया है.
जानकारी के मुताबिक, 2020-21 में कचरे के जरिये मध्य रेलवे ने जो कमाई की है, वह पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक है. इसका एक फायदा यह भी हुआ है कि लॉकडाउन के दौरान यात्री ट्रेनों के बंद होने से जो नुकसान रेलवे को उठाना पड़ा, उसकी भरपाई करने में भी मदद मिली है. 2020-21 के दौरान रिकॉर्ड कमाई के बाद अब मध्य रेलवे ने वर्ष 2021-22 के लिए 400 करोड़ स्क्रैप बिक्री का लक्ष्य रखा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के द्वारका में कृष्णा होटल में लगी भीषण आग, अब तक दो शव बरामद
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