पेगासस मामले पर न्यायिक आयोग का गठन करने वाली प.बंगाल सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने से सुको का इंकार

पेगासस मामले पर न्यायिक आयोग का गठन करने वाली प.बंगाल सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने से सुको का इंकार

प्रेषित समय :16:11:14 PM / Wed, Aug 18th, 2021

कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन करने की अधिसूचना पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने रिट याचिका पर नोटिस जारी किया था और इसमें शामिल सभी पक्षकारों, यूनियन ऑफ इंडिया, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पश्चिम बंगाल राज्य की प्रतिक्रिया मांगी.

पेगासस मुद्दे की जांच की मांग करने वाली अन्य याचिकाओं के साथ मामले की सुनवाई 25 अगस्त को टालते हुए बेंच ने याचिकाकर्ता ग्लोबल विलेज फाउंडेशन पब्लिक ट्रस्ट से प्रतिवादियों को एक प्रति देने को कहा है. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील सौरज्ञ मिश्रा ने जांच आयोग अधिनियम की धारा 2्र का हवाला देते हुए कहा कि अधिसूचना को मुख्य रूप से अधिकार क्षेत्र की कमी के आधार पर चुनौती दी जा रही है.

इसके जवाब में बेंच ने कहा, आपके हलफनामा में कुछ कमी है. आप कहते हैं आप इस मामले की जांच चाहते हैं फिर आप कहते हैं कि समिति असंवैधानिक है. हलफनामे में आपको तर्तसंगत होना चाहिए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अधिसूचना असंवैधानिक है और कहा कि वह संवैधानिक पहलू पर न्यायालय की सहायता करेंगे. केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि यह असंवैधानिक है, मैं बस इतना ही कह सकता हूं. इसके बाद बेंच ने वर्तमान मामले को पेगासस स्पाइवेयर की जांच की मांग वाली अन्य रिट याचिकाओं के साथ सूचिबद्ध करने को कहा. बेंच ने कहा कि हम अन्य रिट याचिकाओं के साथ इस मामले को रखेंगे, तब तक यदि वे काउंटर फाइल करना चाहते हैं तो कर सकते हैं.

एडवोकेट मिश्रा ने जोर देकर कहा कि अदालत द्वारा एक अंतरिम आदेश पारित किया जाना चाहिए. उन्होंने जांच समिति की आगेकी कार्यवाही पर रोक के रूप में अंतरिम राहत की मांग की और कहा कि आयोग द्वारा सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है और कार्यवाही रोज हो रही है. हालांकि बेंच ने अंतरिम प्रार्थना को ठुकराते हुए कहा कि यह केवल एक शुरुआती अभ्यास है. मिश्रा ने तर्क दिया कि जब सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले की जांच कराने में व्यस्त है तो राज्य समिति को ऐसा नहीं करना चाहिए.

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया है जो पेगासस मामले की जांच करेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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