जबलपुर के निजी अस्पताल में आक्सीजन मास्क हटने से वृद्धा की मौत, परिजनों ने हंगामा कर प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप

जबलपुर के निजी अस्पताल में आक्सीजन मास्क हटने से वृद्धा की मौत, परिजनों ने हंगामा कर प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप

प्रेषित समय :16:26:40 PM / Thu, Aug 19th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में निजी अस्पताल के आईसीयू भरती वृद्धा शांतिबाई की आक्सीजन मास्क हटने से मौत हो गई, वृद्धा की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की हालत गंभीर रही, इस तरह की कोई लापरवाही नही बरती गई है.

बताया गया है कि गोकलपुर रांझी निवासी शांतिबाई के पति रामलिंगम जीसीएफ से सेवानिवृत कर्मी रहे, जिनकी कुछ दिनों पहले मौत हो गई, शांतिबाई का पेंशन पा रही है, पिछले दिन उन्हे सांस लेने में तकलीफ हुई तो परिजनों ने रसल चौक स्थित जबलपुर अस्पताल में भरती कराया, जहां पर डाक्टरों ने कोविड टेस्ट के बाद उन्हे आईसीयू में भरती कर लिया गया. सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उन्हे आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, शांतिबाई का इलाज डाक्टर दीपक बहरानी कर रहे थे, बीती देर रात दो बजे के लगभग आक्सीजन मास्क हट गया, जिससे वे बैचेन हो गई, परिजनों ने कांच से देखा तो स्टाफ जगाकर जानकारी दी कि मास्क फट गया है, रात को ही 7 सौ रुपए का नया मास्क लाकर दिया गया, आज सुबह 6 बजे के लगभग वृद्धा शांतिबाई की उपचार के दौरान मौत हो गई. शांतिबाई की मौत की खबर मिलते ही परिजन आक्रोशित हो गए, जिन्होने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया, परिजनों का कहना था कि  आईसीयू का स्टाफ सोता रहा जिसने ध्यान नहीं दिया है. वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि मरीज गंभीर हालत में थीं, उनका प्रॉपर इलाज हो रहा था आईसीयू में किसी को अंदर आने की इजाजत नहीं होती है. उन्हें सांस लेने में कठिनाई थी, परेशानियों के चलते ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. अस्पताल ने अपनी ओर से बेस्ट प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें बचाया नहीं जा सका. परिजन बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. सीजीएस में वही दवा परिजन से मंगवाई गईए जो कवर नहीं था.

कैंसर कहकर इलाज कर रहे थे डाक्टर दीपक बहरानी-

परिजनों ने आरोप लगाए है कि शांतिबाई का उपचार डाक्टर दीपक बहरानी कर रहे थे, जिन्होने फेफड़ों से दो बार पानी निकलवाया और यह कहकर जांच करा दी कि कैंसर के लक्षण है रिपोर्ट नार्मल आई थी, उन्होने डाक्टर दीपक बहरानी पर भी लापरवाही के आरोप लगाए है, उनका कहना है कि डाक्टर दीपक बहरानी मर्ज ही नहीं पकड़ा पाए और कैं सर सहित अन्य बीमारी का इलाज करते रहे, जिससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई. सीजीएस कार्ड होने के बाद भी 39 हजार रुपए की दवाएं मंगवा ली, 24 हजार रुपए के सात इंजेक्शन खरीदे जिसमें 6 ही लगाए गए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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