भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को भोपाल की खराब सड़कों पर नाराजगी जताई. सीएम ने भोपाल के कमिश्नर-कलेक्टर और एजेंसियों के साथ बैठक में अफसरों को फटकार लगा दी. उन्होंने कहा कि मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए, किसी भी तरह गड्ढे खत्म करें. भोपाल की सड़कों की जिम्मेदारी 1 या 2 एजेंसी के पास होनी चाहिए. ढेर सारी एजेंसियों की कोई जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) समाप्त होनी चाहिए. इसकी जरूरत नहीं है.
मध्य प्रदेश की राजधानी और झीलों की नगरी भोपाल की 50 प्रतिशत सड़कें बारिश के कारण बदहाल हो गई हैं. ऐसी कोई सड़क नहीं है, जो गड्ढों से न पटी हो या फिर उन पर धूल के गुबार न उड़ रहे हों. हालत ये है कि बारिश होते ही सड़कों पर कीचड़ फैला जाता है. भोपाल की बदहाल सड़कों पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए थे.
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सड़कों के मुद्दे पर सरकार को घेर चुके हैं. पूर्व प्रोटेम स्पीकर और हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी तीन दिन पहले हुई कार्यशाला में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने नाराजगी व्यक्त की थी. वहीं, जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा किया था.
कमिश्नर से पहले सीएम ने बुला ली बैठक
सड़कों की जर्जर हालत के चलते भोपाल कमिश्नर कवींद्र कियावत ने एक स्पेशल टीम भी बनाई थी, जिसे 20 अगस्त को रिपोर्ट सौंपना था. कमिश्नर आज बैठक लेने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीटिंग बुला ली. मीटिंग में सीएस, पीएस पीडब्ल्यूडी, सीपीए, भोपाल कलेक्टर, नगर निगम के अधिकारी उपस्थित थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम मध्य रेल के केंद्रीय चिकित्सालयों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा में ऑक्सीजन प्लांट शुरू
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