नजरिया. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार का महागठबंधन नेे प्रत्यक्ष विरोध किया था, तो एनडीए के ही चिराग पासवान से भी उन्हें चुनौती मिली थी, लेकिन मोदी टीम ने चिराग पासवान के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय खामोशी से सियासी तमाशा देखा? नतीजा यह रहा कि नीतीश कुमार की पार्टी को कई सीटें गंवानी पड़ी!
हालांकि, बीजेपी को उम्मीदों के अनुरूप सीटें नहीं मिली, लिहाजा मजबूरी में ही सही, नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा.
लगता है, अब नीतीश कुमार, मोदी टीम के ही सियासी अंदाज में बीजेपी की परेशानियां बढ़ा रहे हैं?
वे लगातार ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं, जिनसे मोदी टीम कोे यूपी जैसे राज्यों में आनेवाले विधानसभा चुनाव में तगड़े सियासी झटके लगें!
खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 11 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने जा रहा है. इस दौरान ये नेता केंद्र के सामने अन्य पिछड़ा वर्ग की गणना के लिए जाति जनगणना की मांग करेंगे?
खबरों की माने तो इन नेताओं की सूची में नीतीश कुमार के विरोधी तेजस्वी यादव और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रतिनिधि का भी नाम शामिल है!
राजनीतिक जानकारों का मानना हैै कि यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले ही इस मुद्दे पर जोर देना, मोदी टीम की परेशानी बढ़ा सकता है, क्योंकि इससे बीजेपी का बहुत बड़ा वोट बैंक नाराज हो सकता है?
यही नहीं, यदि इसे नजरअंदाज करते हैं, तो भी बड़ा सियासी नुकसान हो सकता है!
याद रहे, बीजेपी ने 14 साल के सियासी वनवास के बाद 2017 में यूपी में सरकार बनाई थी, जिसमें ओबीसी का अच्छा-खासा समर्थन मिला था?
देखना दिलचस्प होगा कि मोदी टीम इस सियासी उलझन से बाहर कैसे आती है?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार के BJP विधायक बोले, 'जिन लोगों को भारत में डर लगता है, वो अफगानिस्तान चले जाएं
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