चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है. राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के मूल वेतन में न्यूनतम 15 प्रतिशत वृद्धि करने और कुछ भत्तों को फिर से बहाल करने की घोषणा की है. राज्य सरकार की इस पहल से उसके खजाने पर 1500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. एक सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘इस के साथ राज्य के प्रति कर्मचारी वेतन-पेंशन में कुल औसत वृद्धि 1.05 लाख रुपये सालाना तक होगी.’’ पंजाब में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसलिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह हर मोर्चे पर हावी होने की कोशिश में जुटे हैं. पंजाब से पहले उत्तर प्रदेश और बिहार की सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के वेतन-पेंशन में इजाफा किया था.
पंजाब में कर्मचारियों को इससे पहले एक जुलाई 2021 से छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार किए जाने से 79,250 रुपये प्रति वर्ष मिल रहा था. उसके मुकाबले अब उन्हें अधिक राशि मिलेगी. इससे कर्मचारियों को 4,700 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इससे कर्मचारियों की 31 दिसंबर, 2015 के मूल वेतन के ऊपर वेतन में वृद्धि होगी. छठे वेतन आयोग की कुछ सिफारिशों को लेकर कई विभागों के कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. ताजा वेतन वृद्धि से राज्य सरकार के खजाने पर वेतन और पेंशन वृद्धि का कुल मिलाकर 42,673 करोड़ रुपये का सालाना बोझ बढ़ेगा.
योगी सरकार ने भी बढ़ाया वेतन
उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी राज्य के 28 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को एक जुलाई से 11 फीसद की बढ़ी दर से महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. योगी सरकार द्वारा प्रस्ताव मंजूर किए जाने के बाद राज्य के कर्मचारियों को डीए 28 फीसद मिलेगा. वर्तमान में 15 प्रतिशत की दर से डीए का भुगतान किया जा रहा था. योगी सरकार के इस फैसले से राज्य के लगभग 16 लाख राज्य कर्मचारियों और 12 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चुनाव से पहले गन्ने की कीमत पर घिरी पंजाब सरकार, 27 ट्रेनें कैंसल
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