रांची. झारखंड में देश के बड़े उद्योगपतियों को निवेश का आमंत्रण देने के लिए दिल्ली में दो दिवसीय निवेशक बैठक का आगाज हुआ. पहले दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने होटल ताज में राउंड टेबल मीटिंग में बड़े कॉरपोरेट घरानों के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की. बिज़नेस टू गवर्नमेंट मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड असीम संभावनाओं और प्रतिभाशाली मानव संसाधन से संपन्न राज्य है. यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों का है. अगर उद्यमी साथी इन समुदायों के लिए रोजगार में प्रावधान करते हैं, तो सरकार नीति में अन्य प्रोत्साहन का भी समावेश करेगी.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को राज्य की औद्योगिक नीति पेश किया. राज्य में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित करने पर सरकार की नजर है. एक अधिकारी ने कहा कि झारखंड औद्योगिक और निवेश संवर्धन नीति (जेआईआईपीपी) का अनावरण दिल्ली में होने वाली एक निवेशक बैठक में किया जाएगा.
सोरेन ने कहा, झारखंड असीमित अवसरों की भूमि है. हम सभी निवेशकों का स्वागत करते हैं और हमारी सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी. इससे हमारे कुशल कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. जेआईआईपीपी में निवेशकों को नौ साल के लिए एसजीएसटी से 100 प्रतिशत और बड़े उद्योगों को 12 साल के लिए 75 प्रतिशत तक राहत देने का वादा किया गया है.
उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा, नई नीति के माध्यम से, हम निवेशकों को अधिकतम प्रोत्साहन देने और झारखंड में व्यापार के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं. यह नीति महिलाओं और विशेष रूप से सक्षम निवेशकों और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के उद्यमियों के लिए अतिरिक्त पांच प्रतिशत प्रावधान के साथ व्यापक निवेश परियोजना सब्सिडी के रूप में 25 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड में फुटबॉल मैच को लेकर आपस में भिड़े दो गांव, आगजनी व मारपीट, स्थिति तनावपूर्ण
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