रांची. झारखंड सरकार ने अब राज्य में नगर निकाय चुनाव दलगत आधार पर नहीं कराने का निर्णय किया है. सरकार ने यह भी फैसला किया है कि अब से राज्य में उप महापौर और उपाध्यक्ष का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष मतदान से नहीं होगा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में यह फैसला किया गया. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि राज्य मंत्रिपरिषद् ने झारखंड नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2021 को अपनी मंजूरी दे दी जिसके तहत पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के दलगत आधार पर नगर नगर निकाय चुनाव कराने के फैसले को पलट दिया गया है.
उन्होंने बताया कि संशोधन में यह भी फैसला किया है कि अब राज्य में उप महापौर और उपाध्यक्ष का चुनाव जनता सीधे मतदान से नहीं कर सकेगी. संशोधन में यह भी व्यवस्था की गयी है कि लगातार तीन बैठक में अनुपस्थित रहने पर महापौर और अध्यक्ष की वापसी का अधिकार राज्य सरकार के पास होगा.
राज्य सरकार झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक 2021 को विधानसभा के तीन सितंबर से प्रारंभ हो रहे मानसून सत्र में पारित कराने का प्रयास करेगी. इसके अलावा मंत्रिपरिषद् की बैठक में कुल 23 अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी जिनमें राज्य में खुला विश्वविद्यालय खोलने और सातवें वेतन मान के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों का मकान किराया भत्ता एक्स, वाई एवं जेड वर्ग के शहरों के अनुसार क्रमश: 27, 18 एवं नौ प्रतिशत करने का फैसला भी शामिल है.
झारखंड सरकार ने अपने कर्मचारियों का मकान किराया भत्ता बढ़ाया
झारखंड सरकार ने मंगलवार को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप राज्य सरकार के कर्मचारियों का मकान किराया भत्ता बढ़ाने का फैसला किया जिससे राजकोष पर हर साल 116 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद् ने सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप राज्य सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 25 प्रतिशत से अधिक होने पर पहली जुलाई से एक्स, वाई एवं जेड श्रेणी के शहरों के अनुसार क्रमश: 27, 18 एवं नौ प्रतिशत मकान किराया भत्ता देने का फैसला किया है.
यह फैसला इस वर्ष पहली जुलाई से लागू होगा. इससे राजकोष पर हर साल 116 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद् ने राज्य सरकार के कर्मियों के लिए अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में दिनांक एक जुलाई 2021 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई. राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को भी पुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में दिनांक एक जुलाई 2021 के प्रभाव से महंगाई राहत की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड में फुटबॉल मैच को लेकर आपस में भिड़े दो गांव, आगजनी व मारपीट, स्थिति तनावपूर्ण
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