शहर के कद्दावर नेता का दामन थामकर आगे बढ़ा अब्दुल रज्जाक, दूसरे नेता की निगाह तिरछी होते ही सलाखों के पीछे पहुंच गया

शहर के कद्दावर नेता का दामन थामकर आगे बढ़ा अब्दुल रज्जाक, दूसरे नेता की निगाह तिरछी होते ही सलाखों के पीछे पहुंच गया

प्रेषित समय :17:45:40 PM / Sat, Aug 28th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक ने अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए शहर के कद्दावर नेता का दाम थामा, इसके बाद उसने अपने वैध व अवैध धंधो को खुलकर अंजाम देना शुरु कर दिया, जबलपुर के अलावा जब अब्दुल रज्जाक पड़ोसी जिले में भी अपनी बादशाहत  कायम करने के लिए प्रयास करने लगा, तभी उस जिले के नेता ने अपनी निगाह तिरछी कर ली, जिसका नतीजा है कि अब्दुल रज्जाक सलाखों के पीछे पहुंच गया.  अब वह सलाखों के पीछे से कब बाहर आए, यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है.

बताया जाता है कि हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक ने शहर में अपनी बादशाहत कायम करने के लिए राजनैतिक सपोर्ट लेने के लिए शहर के एक कद्दावर नेता का दामन थाम लिया, इसके बाद अब्दुल रज्जाक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, आलम यह रहा कि शहर के प्रशासनिक अधिकारी हो या पुलिस अधिकारी, किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि रज्जाक पहलवान की ओर नजर उठा ले, यहां तक कि उस वक्त शहर में उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारी तक नेताजी के पहले रज्जाक पहलवान के दरवाजा पर दस्तक देते रहे, देखते ही देखते अब्दुल रज्जाक का  रसूख बढ़ता ही चला गया, शहर के मुख्य स्थानों की वे प्रापर्टी भी अब्दुल रज्जाक के कब्जे में आ गई, जिन्हे पाने के लिए वर्ग विशेष के लोग वर्षो से लगे रहे. कुल मिलाकर शहर के कद्दावर नेता के नाम के सहारे अब्दुल रज्जाक की बादशाहत चरम पर पहुंच गई, इस दौरान ही उसने पड़ोसी जिला कटनी में माइनिंग का कारोबार शुरु कर दिया, वह अधिकतर समय कटनी जिले के स्लीमनाबाद में ही बिताते हुए कारोबार कर रहा था, माइनिंग के कारोबार में लिप्त हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक पिछले कुछ साल से यहां पर भी अपनी बादशाहत को कायम करने में जुट गया था, यहां पर उसके गुर्गे सक्रिय होकर जमीनों की खरीद फरोख्त में जुट गए, खबर यही रही कि लोगों को धमकी देते हुए औनेपौने दामों में जमीनों को खरीदने की खबर के एक बड़े नेता के कानों तक पहुंची तो उन्होने अपनी निगाहें तिरछी कर ली, सत्ताधारी दल के इस दबंग नेता की निगाहें तिरछी होने के बाद से अब्दुल रज्जाक पर गाज गिरना शुरु हो गई, गौर में की गई शासकीय जमीन को अब्दुल रज्जाक के कब्जे से मुक्त कराया गया, नया मोहल्ला रोड स्थित तीन मंजिला भवन के एक हिस्से को धराशायी किया गया, नाला के ऊपर अवैध रुप से बनाए गए बगीचे को हटाया, रसल चौक स्थित बिल्डिंग पर भी कार्यवाही की गई, इसके बाद अब अब्दुल रज्जाक के घर पर दबिश देकर विदेशी राइफल सहित अन्य हथियार बरामद किए गए. अब्दुल रज्जाक के रसूख की कहानी अब और क्या क्या गुल खिलाती है यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा लेकिन शहर में इस वक्त एक ही चर्चा है  कि आगे क्या होगा.

सत्ता बदलते ही करवट बदली-

खबर तो यह भी है कि प्रदेश में भाजपा की सत्ता जाते ही अब्दुल रज्जाक ने भी करवट बदली और कांग्रेस के नेताओं से करीबी बना ली, यहां तक कि उनके साथ , उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की जाने लगी, यह इत्तेफाक था कि कांग्रेस के हाथ से फिर सत्ता चली गई, इस बीच अब्दुल रज्जाक को भाजपा नेताओं  का चाहकर भी साथ नहीं मिल पाया.

रसूख से खड़ा कर लिया प्रापर्टी का साम्राज्य-

चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक ने जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, गोवा, मुम्बई, हैदरबाद, बेंगलुरु, दुबई सहित अन्य शहरों में प्रापर्टी का साम्राज्य खड़ा कर लिया. इन सभी शहरों में अब्दुल रज्जाक ने अपने गुर्गे फिट कर दिए है, जो पूरे कारोबार को संचालित कर रहे है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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