अब ट्रेनों में नहीं फैल पाएगा कोरोना, फ्लाइट्स की तरह यूवीसी रोबोट तकनीक से कोच भी होंगे डिस्इंफेक्टेड, दिल्ली मंडल में हुई नई शुरूआत

अब ट्रेनों में नहीं फैल पाएगा कोरोना, फ्लाइट्स की तरह यूवीसी रोबोट तकनीक से कोच भी होंगे डिस्इंफेक्टेड, दिल्ली मंडल में हुई नई शुरूआत

प्रेषित समय :20:46:06 PM / Fri, Sep 3rd, 2021

नई दिल्ली. ट्रेनों में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल ने अहम कदम उठाया है. इसके तहत उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने रेलगाडिय़ों को कीटाणुरहित करने के लिए यूवीसी रोबोट तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है. यह तकनीक कोरोना वायरस के न्यूक्लियस को नष्ट करेगी, जिससे ट्रेनों में वह नहीं फैलेगा.

भारतीय रेल के दिल्ली मंडल में जुलाई, 2021 से डीएलटी डिपो में रेलगाड़ी संख्या 02004 (लखनऊ शताब्दी स्पेशल) में इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है. रिमोट कंट्रोल से चलने वाली इस मशीन के इस्तेमाल से पूरी रेलगाड़ी को स्वचालित रूप से कीटाणुरहित किया जा रहा है. यह तकनीक उन स्थानों पर भी कारगर है, जहां तक किसी अन्य मौजूदा प्रक्रिया द्वारा नहीं पहुंचा जा सकता है. चूंकि इस प्रक्रिया में मनुष्य की कोई भागीदारी नहीं होती, लिहाजा यह यूवीसी तकनीक पूरी तरह सुरक्षित और उपयोग के अनुकूल है. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उत्तर रेलवे ने यात्री डिब्बों को कीटाणुरहित करने के लिए अनेक प्रयासों और परीक्षणों के उपरांत एक क्रांतिकारी यूवीसी तकनीक को अपनाया है.

यह तकनीक कम्पार्टमेंट क्षेत्र को पूरी तरह कीटाणुशोधन के लिए यूवीसी लाइट्स के साथ लगे स्वायत्त पंखों वाले रोबोटिक उपकरण का उपयोग करती है. यह डिवाइस ऑपरेटर और आसपास की सुरक्षा के लिए वायरलैस रिमोट कंट्रोल की मदद से संचालित होता है.

गौरतलब है कि यह तकनीक कोरोना वायरस के न्यूक्लियस को नष्ट कर देती है, जिससे इसके वायरस के बढऩे पर रोक लग जाती है. इसके साथ ही यह अपनी तरह का एक हरित उपाय भी है. सरकार द्वारा प्रमाणित प्रयोगशाला द्वारा किये गये परीक्षण और जांच के उपरांत यह पाया गया है कि यह तकनीक जीवाणु, कीटाणु और रोगाणु को 99.99 फीसदी तक मार देती है.

इस तकनीक को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, सीएसआईओ और तनुवास अध्ययन केंद्र, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है. एयर इंडिया एक्सप्रेस केबिन को कीटाणुरहित करने के लिए पहले से ही इस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है और पिछले लगभग दो दशकों से अस्पतालों द्वारा भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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