भोपाल. मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन कर दिया गया है. सीएम ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस आयोग के गठन का ऐलान किया था. अब आयोग का गठन करते हुए पूर्व मंत्री बीजेपी विधायक गौरीशंकर बिसेन को अध्यक्ष नियुक्त किया है. लेकिन बीजेपी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के गठन को लेकर सियासत छिड़ गई है.
प्रदेश में पहले से ही पिछड़ा वर्ग आयोग काम कर रहा है. तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद पर जेपी धनोपिया की नियुक्ति की थी. लेकिन कमलनाथ सरकार के सत्ता गंवाने और शिवराज सरकार के शपथ लेने के दूसरे दिन नई सरकार ने नियुक्ति को निरस्त कर दिया था. शिवराज सरकार के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिस पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. जेपी धनोपिया के साथ आयोग में अन्य लोग सदस्य हैं.
अब शिवराज सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन करने पर कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस विधायक के के मिश्रा ने आयोग के गठन को असंवैधानिक बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कमलनाथ सरकार में ही पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन हो चुका है. इसके अध्यक्ष जेपी धनोपिया हैं. हाईकोर्ट से धनोपिया को स्टे है. धनोपिया ही पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं. एक अध्यक्ष के रहते हुए दूसरा अध्यक्ष नियुक्त करना असंवैधानिक है. कांग्रेस कोर्ट में सरकार के फैसले के खिलाफ कंडक्ट ऑफ कोर्ट का केस करेगी.
प्रदेश में अब दो पिछड़ा वर्ग आयोग हो गए हैं. एक तरफ जहां कोर्ट के स्टे के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग के दफ्तर पर ताला लगा है. वहीं दूसरी तरफ नए आयोग के गठन पर सियासत तेज हो गई है.
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