नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 सितंबर को होने वाली शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की समिट में आतंकवाद पर बोलेंगे. उम्मीद है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस समिट में मौजूद रहेंगे. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होने वाली इस समिट में मोदी खुद मौजूद नहीं रहेंगे. मोदी वर्चुअली इस समिट में अपनी स्पीच देंगे.
सूत्रों के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनओ) और यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट काउंसिल में दिए गए भारत के स्टेटमेंट्स को देखते हुए माना जा रहा है कि मोदी की स्पीच में तालिबान का जिक्र नहीं किया जाएगा. इमरान खान, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और सेंट्रल एशियन कंट्रीज के राष्ट्राध्यक्ष इस मीटिंग में खुद मौजूद रहेंगे. मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी वर्चुअली इस समिट से जुड़ेंगे. रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान एससीओ के मेंबर हैं.
भारत की अध्यक्षता में हृस्ष्ट में ये बात मजबूती से रखी गई थी कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश को डराने या आतंकवादियों को शरण देने के लिए नहीं किया जाएगा. यह भी कहा गया था कि तालिबान अपने उस वादे को पूरा करेगा, जिसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान से सभी विदेशी नागरिक सुरक्षित बाहर भेजे जाएंगे.
साल भर पहले यूएनओ में मोदी ने दिया था पाकिस्तान को जवाब
25 सितंबर 2020 में इमरान खान ने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में मोदी सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का फैसला गलत है. उन्होंने आरोप लगाया था कि बाबरी मस्जिद को ढहाया गया, 2002 के गुजरात दंगों में मुस्लिमों को मारा गया. अगले ही दिन 26 सितंबर को मोदी ने जवाब दिया था. उन्होंने कहा था, भारत दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र है. विश्व की 18त्न से ज्यादा जनसंख्या, सैकड़ों भाषाओं-बोलियों, अनेकों पंथ, अनेकों विचारधारा वाली है. ये देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व सैकड़ों वर्षों तक करता रहा और सैकड़ों साल तक गुलाम रहा. जब हम मजबूत थे तो सताया नहीं, जब मजबूर थे तो बोझ नहीं बने.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नरेंद्र मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द क्यों नहीं करना चाहती है?
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