अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मांगी माफी, आरोपों पर यह दी सफाई

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मांगी माफी, आरोपों पर यह दी सफाई

प्रेषित समय :19:26:07 PM / Wed, Sep 8th, 2021

नई दिल्ली. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देशवासियों से माफी मांगी है. गनी उस वक्त देश छोड़कर चले गए थे, जब अफगानिस्तान संकट से जूझ रहा था. उन पर लाखों डॉलर और कारों के काफिले के साथ ही देश छोडऩे का आरोप लगा था. हालांकि इन सभी आरोपों पर बुधवार को गनी ने सफाई दी.

ट्विटर पर दिए स्टेटमेंट में गनी ने कहा, तालिबान के अप्रत्याशित रूप से 15 अगस्त को अचानक कब्जा करने और काबुल छोडऩे के लिए मैं अफगान लोगों के लिए एक स्पष्टीकरण देना चाहता हूं. तालिबान ने जब शहर में प्रवेश किया, तब मैंने महल की सुरक्षा के आग्रह पर देश छोड़ दिया. काबुल छोडऩा मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को चुप रखने और काबुल व उसके 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था.

मैंने अपने जीवन के 20 साल एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और संप्रभु राज्य के निर्माण की दिशा में अफगान लोगों की मदद करने के लिए समर्पित किए हैं - लोगों या उस दृष्टि को छोडऩे का मेरा इरादा कभी नहीं था. गनी ने कहा, अब मेरे जाने से पहले की घटनाओं के लंबे मूल्यांकन का समय नहीं है. मैं निकट भविष्य में उन्हें विस्तार से संबोधित करूंगा. मुझे अब निराधार आरोपों को संबोधित करना चाहिए. यह आरोप कि जब मैं काबुल से निकला तो मैं अपने साथ अफगान लोगों से संबंधित लाखों डॉलर ले गया, पूरी तरह से स्पष्ट रूप से झूठे हैं.

उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार एक प्लेग है, जिसने दशकों से हमारे देश को अपंग बना दिया है. भ्रष्टाचार से लडऩा राष्ट्रपति के रूप में मेरे प्रयासों का केंद्र बिंदु रहा है. मुझे एक ऐसा राक्षस विरासत में मिला है, जिसे आसानी से या जल्दी से हराया नहीं जा सकता. मैं और मेरी पत्नी अपने व्यक्तिगत वित्त के प्रति ईमानदार रहे हैं. मैंने अपनी सारी संपत्ति सार्वजनिक रूप से घोषित कर दी है.

उन्होंने कहा, मेरी पत्नी की पारिवारिक विरासत का भी खुलासा कर दिया गया है और वह अपने गृह देश लेबनान में सूचीबद्ध है. मैं यहां अपने बयानों की सत्यता को साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में या किसी अन्य उपयुक्त स्वतंत्र निकाय के तहत आधिकारिक ऑडिट या वित्तीय जांच का स्वागत करता हूं.

मेरे करीबी सहयोगी अपने वित्त को सार्वजनिक लेखा परीक्षा में जमा करने के लिए तैयार हैं और मैं अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक हस्तियों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित और आग्रह करूंगा. अपने पूरे जीवन में, मेरा दृढ़ विश्वास रहा है कि एक लोकतांत्रिक गणराज्य का सूत्र ही एक संप्रभु, शांतिपूर्ण, समृद्ध अफगानिस्तान के लिए एकमात्र रास्ता है. मेरे देश के लिए मेरी सेवा के दौरान, मेरे कार्यों की सीमाओं को हमेशा अफगानिस्तान के इस्लामी गणराज्य के 2004 के संविधान द्वारा परिभाषित और निर्देशित किया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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