नई दिल्ली. अफगानिस्तान में तालिबान के सरकार के गठन का ऐलान के बाद दुनिया भर के नेता पशोपेश में है. इसी कड़ी में अब जब कुछ ही दिन में तालिबान आधिकारिक तौर पर अफगानिस्तान का बागडोर अपने हाथ में लेंगे तब साक्षी के तौर पर अपने मित्र देशों को आमंत्रण दिया है. जिसमें पाकिस्तान,चीन, रुस, ईरान और कतर शामिल हैं, लेकिन रुस जो पहले तालिबान का खुलकर समर्थन करते नजर आ रहे थे. अब शपथ समारोह से दूरी बना ली है.
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बता दें कि यह भारत की कूटनीतिक जीत होगी यदि रुस इस समारोह में शामिल नहीं होता है. अभी हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता भारत ने की है. जिसमें अफगानिस्तान में बदले हालात पर भी चर्चा हुई. हालांकि तालिबान ने अपने शपथ समारोह में भारत को निमंत्रण नहीं भेजकर संकेत दिया कि वो पाकिस्तान के दवाब में है.
मालूम हो कि तालिबान ने जो नए सरकार का चेहरा पेश किया है उससे कई देशों को भी आपत्ति है. जिसमें रुस भी शामिल है. इस सरकार में पीएम से लेकर कई मंत्री वाटेंड है. जिससे रुस पीछे हटता हुआ दिखता है. हालांकि किसी भी देश जिन्हें आमंत्रण भेजा गया है-शामिल होने की पुष्टि नहीं की है. जो तालिबान के लिये अच्छे संकेत नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली विधानसभा में मिली गुप्त सुरंग, जमीन के अंदर से जाती है लाल किले तक
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