जबलपुर में राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस बना सियासत का केन्द्र

जबलपुर में राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस बना सियासत का केन्द्र

प्रेषित समय :19:52:15 PM / Sun, Sep 12th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में अब राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस कार्यक्रम भाजपा व कांग्रेस के सियासत का केन्द्र बन गया है. 18 सितम्बर को जिला प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती है. क्योंकि एक ओर तो जबलपुर के एक बड़े नेता अपने घटते कद को बढ़ाने के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह को लाने में सफल रहे है, तो दूसरी ओर कांग्रेस भी ऐसे मौके को छोडऩा नहीं चाहती है, कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह का आगमन हो रहा है. कार्यक्रम को लेकर आज नगर कांग्रेस कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विधायक से लेकर पदाधिकारी व कार्यक र्ता बड़ी संख्या में उपस्थित हुए.

बताया गया है कि दोनों ही पार्टी इस बड़े आयोजन के बहाने आदिवासी वोट को बटोरने के जुगाड़ में है, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के बाद ही कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह का कार्यक्रम तय कर दिया गया है, जो दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. कांगेे्रस ने आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत तो पहले ही कर दी है, जिसे देखते हुए जनजातीय समाज को जोड़ों अभियान के लिए 18 सितम्बर को गृहमंत्री अमित शाह का आगमन हो रहा है. इस बीच ही कांग्रेस ने इसी दिन अपना कार्यक्रम तय कर जिला प्रशासन के लिए  चुनौती खड़ी कर दी है, बलिदान दिवस कार्यक्रम में दिग्विजयसिंह का भी आगमन हो रहा है. यह सारी कवायद आदिवासी वोटरों को अपनी ओर खींचने की है, क्योंकि प्रदेश में 82 सीटे अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित है, जो प्रदेश की सरकार बनाने में अह्म भूमिका होती है और महाकौशल में आदिवासी वोटरों की महाकौशल में संख्या अधिक है. गौरतलब है कि शंकरशाह गोंडवाना शासन के राजा थे, जिनहोने अपने बेटे रघुनाथ शाह के साथ अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था, इसके बाद अंग्रेजों ने 18 सितम्बर 1858 को पिता व पुत्र को तोप के मुंह पर बांधकर एल्गिन चौराहा के पास उड़ा दिया गया था, आदिवासी समाज में पिता पुत्र को लेकर एक भावनात्मक रिश्ता है. जिसपर दोनों पार्टी के नेताओं की नजर है, वहीं कारण है कि देश के गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम से आदिवासी वोट को पाने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी इसी जुगत में है. जबलपुर के अलावा मंडला, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट जिलों में आदिवासी वोटरों की संख्या बहुत है.

कांग्रेस ने कार्यक्रम को लेकर की बैठक-

आज जबलपुर शहर कांगे्रस कार्यालय बल्देवबाग में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें क्रांतिकारी वीर योद्धा शहीद शंकर शाह रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस 18 सितंबर को भव्यता के साथ मनाने पर चर्चा की गई. 18 सितम्बर को कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया, प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, कार्यक्रम समन्वयक जेपी धनोपिया आदि सम्मिलित होंगे.  कार्यक्रम संरक्षक पूर्व विधायक नन्हेलाल धुर्वे ने कार्यक्रम की तैयारी बताई.  बलिदान दिवस 18 सितंबर को 10.30 बजे प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि कर सांस्कृतिक कार्यक्रम आदिवासी परंपरा के अनुसार होगा. प्रदेशिक नेताओं का उद्बोधन शहीदों की जीवनी व कांग्रेस की स्वतंत्रता संग्रामए एवम आदिवासीयो के हित मे किये गए परियोजनाओ पर चर्चा होगी. बैठक में पूर्व कैबिनेट मंत्री विधायक लखन घनघोरिया, लखनादौन विधायक योगेंद्र सिंह बाबा, कदीर सोनी, किसान कांग्रेस अध्यक्ष भोपाल संजय पटेल, सेवादल अध्यक्ष सतीश तिवारी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा विनोद जैन, मुकेश राठौर, रामदास यादव, युवा कांग्रेस अध्यक्ष जितिन राज, सुश्री एकता ठाकुर, श्रीमती राधा गुप्ता, श्रीमती दुर्गा धुर्वे, दीपक अग्रवाल,  सोनू कुकरेले, हरि शंकर चौबे, मुकुल दुबे अरुण पवार आदि उपस्थित रहे. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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