नई दिल्ली. नीति आयोग के सदस्य और शीर्ष वैज्ञानिक वी के सारस्वत कोच्चि से लक्षद्वीप के बीच 1,072 करोड़ रुपये के ऑप्टिक फाइबर प्रोजेक्ट के सरकारी टेंडर का विरोध कर रहे हैं. सारस्वत का आरोप है कि टेंडर दस्तावेज जान-बूझकर इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें भारतीय कंपनियां भाग न ले पाएं. सारस्वत के अनुसार, इससे सुरक्षा पर असर पड़ सकता है, साथ ही विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो सकता है. इतना ही नहीं इसकी लागत भी ज्यादा हो सकती है.
दिल्ली उच्च न्यायालय में दी गई चुनौती
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लॉबी ग्रुप टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा अप्रैल में दूरसंचार मंत्रालय को भेजे गए एक संदेश के माध्यम से टेंडर को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है.
कनेक्टिविटी का रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व
मेनलैंड और लक्षद्वीप के बीच कनेक्टिविटी का रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व है. इसलिए जिस नेटवर्क का निर्माण हो रहा है, वो विश्वस्नीय, सुरक्षित, स्वदेशी और लागत प्रभावी होना चाहिए.
टेंडर पर बीएसएनएल को लगानी चाहिए रोक
देश की दिग्गज डिफेंस रिसर्च एजेंसी डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने कहा कि बीएसएनएल को इस टेंडर पर तब तक रोक लगा देनी चाहिए जब तक भारतीय कंपनियों की भागीदारी के लिए जरूरी बदलाव नहीं किए जाते. मालूम हो कि कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों के बीच 1,772 किलोमीटर की सबमरीन केबल बिछाई जानी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी घोषणा
15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि ई-गवर्नेंस, मोबाइल सर्विसेज और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए 100 जीबीपीएस स्पीड का बैंडविड्थ मुहैया कराने की योजना है. इसके जरिए मुख्य भूमि से दूर इन इलाकों में मोबाइल सर्विस को बेहतर बनाया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नीति आयोग ने कहा- कोविड की बूस्टर खुराक पर फिलहाल विचार नहीं कर रही सरकार
नीति आयोग की रिपोर्ट में विद्युत वितरण सेक्टर को वित्त वर्ष 2021 में 90,000 करोड़ घाटे का अनुमान
नीति आयोग के सदस्य बोले- प्रधानमंत्री ने हमें लक्ष्य दिया कि देश में तीसरी लहर नहीं आनी चाहिए
नीति आयोग ने सरकार को सौंपी लिस्ट, दो सरकारी बैंकों का होगा निजीकरण
नीति आयोग ने जारी किया एसडीजी इंडिया इंडेक्स, केरल टॉप पर, फिसड्डी साबित हुआ बिहार
बच्चों के लिए कोवैक्सीन का ट्रॉयल 10-12 दिन में शुरू होगा - नीति आयोग
Leave a Reply