जबलपुर के निजी अस्पताल ने थमाया 90 हजार का बिल, कलेक्टर ने कम कराये 60 हजार रुपये

जबलपुर के निजी अस्पताल ने थमाया 90 हजार का बिल, कलेक्टर ने कम कराये 60 हजार रुपये

प्रेषित समय :09:27:25 AM / Mon, Oct 4th, 2021

जबलपुर. आम नागरिकों की समस्या के त्वरित निराकरण के उद्देश्य से कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा नवाचार के रूप में शुरू किया गया केयर बाय कलेक्टर व्हाट्सएप नंबर सिर्फ जबलपुर ही नहीं आसपास के जिलों के निवासियों के लिए भी मददगार साबित हो रहा है.

ऐसे ही एक मामले में नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा से उपचार के लिये यहाँ माढ़ोताल स्थित संस्कारधानी हॉस्पिटल में  भर्ती कराये गये एक मरीज के परिजनों को 90 हजार के बिल में से 60 हजार रुपये की राशि कम कराकर बड़ी राहत दिलाई गई. पायोजेनिक मेनिनजाइटिस नाम की बीमारी से ग्रसित गाडरवारा के 20 वर्षीय ललित सराठे को उनके परिजनों द्वारा इस निजी अस्पताल में उपचार के लिये कल शनिवार की शाम भर्ती कराया गया था. अस्पताल पहुंचते ही मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया.

लेकिन हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा 90 हजार रुपये का बिल थमा कर परिजनों से अपने मरीज को मेडिकल अस्पताल ले जाने को कहा गया. सिर्फ एक दिन के इलाज का इतनी बड़ी राशि का बिल देखकर परिजनों के होश उड़ गये. परिवारजनों ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए अस्पताल प्रबंधन से काफी मिन्नत की किंतु प्रबंधन बिल कम करने को राजी नहीं हुआ.

इसी मौके पर किसी ने मरीज के परिजनों को केयर बाय कलेक्टर व्हाट्सएप नंबर के संबंध में जानकारी दी. मरीज की बहन ने केयर बाय कलेक्टर व्हाट्सएप नंबर 75879 70500 पर मैसेज कर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से मदद करने का आग्रह किया. सन्देश देखते ही कलेक्टर शर्मा ने सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया को इस मामले का तुरन्त निराकरण करने और मरीज के परिजनों की मदद करने के निर्देश दिये.

कलेक्टर से मिले निर्देश पर सीएमएचओ ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों पर निगरानी रखने नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ प्रियंक दुबे को संस्कारधानी हॉस्पिटल भेजा. डॉ दुबे तत्काल अस्पताल पहुंचे और पहले मरीज के परिजनों से मिले. बाद में उन्होंने उपचार से संबंधित अस्पताल के सभी दस्तावेजों का परीक्षण किया तथा अनाप शनाप बिलिंग करने के लिये हॉस्पिटल प्रबंधन से अप्रसन्नता व्यक्त कर कार्यवाही की चेतावनी दी.

जिसका असर हुआ और अस्पताल प्रबंधन को 90 हजार रुपये के बिल में से 60 हजार रुपये की बड़ी राशि कम करनी पड़ी. मरीज के परिजनों को मात्र 30 हजार रुपये ही अस्पताल को देने पड़े जिसमें से 10 हजार रुपये हॉस्पिटल का खर्च एवं 20 हजार रुपये की दवाइयों के शामिल थे. पेशेंट को शाम तक मेडिकल अस्पताल शिफ्ट करा दिया गया. मरीज की बहन ने केयर बाय कलेक्टर व्हाट्सएप नम्बर पर भेजे संदेश पर तत्परता से की गई कार्यवाही के लिये कलेक्टर शर्मा का आभार व्यक्त किया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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