आर्यन खान को नहीं मिली जमानत, अब बुधवार को होगी याचिका पर सुनवाई

आर्यन खान को नहीं मिली जमानत, अब बुधवार को होगी याचिका पर सुनवाई

प्रेषित समय :12:47:01 PM / Mon, Oct 11th, 2021

मुंबई. क्रूज ड्रग्‍स पार्टी केस में गिरफ्तार किए गए बॉलीवुड स्‍टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के वकीलों ने एक बार फिर सेशंस कोर्ट में उसकी जमानत याचिका दाखिल की है. इस पर कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई की तारीख 13 अक्‍टूबर तय की है. अब बुधवार को आर्यन खान की जमानत पर सुनवाई होगी. इससे पहले आर्यन खान की जमानत याचिका मेट्रोपॉलिटन मजिस्‍ट्रेट की कोर्ट में खारिज हो चुकी है.

कोर्ट से जमानत न मिलने के बाद अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को शुक्रवार को ऑर्थर रोड जेल भेज दिया गया था. आर्यन के साथ मामले में गिरफ्तार पांच अन्य आरोपियों को भी ऑर्थर रोड जेल भेज दिया गया. मुनमुन धामेचा सहित दो महिला आरोपियों को बायकुला महिला जेल भेज दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि इन लोगों को जेल में कोई विशेष सुविधा नहीं मिलेगी.

शुक्रवार को हुई सुनवाई में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आरएम नेर्लिकर ने कहा था कि आर्यन, मुनमुन धमेचार और अरबाज मर्चेंट की जमानत याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं. एनसीबी ने गोवा जा रहे एक क्रूज पोत पर छापेमारी के बाद इन तीनों को अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था.

एनसीबी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया था. उन्होंने पहले के कई आदेशों का जिक्र करते हुए दलील दी थी कि इन याचिकाओं पर सुनवाई करना मजिस्ट्रेट का अधिकार क्षेत्र नहीं है और एनडीपीएस एक्‍ट के तहत सभी मामलों की सुनवाई किसी विशेष अदालत को करनी चाहिए.

सिंह ने यह भी तर्क दिया था कि यह कोई संयोग नहीं हो सकता कि सभी आरोपी एक ही स्थान पर पाए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग नियमित रूप से नशीले पदार्थ लेते हैं.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में कहा था कि आर्यन का परिवार प्रभावशाली है और अगर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया, तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. सिंह ने दावा किया था कि आर्यन और सह आरोपी अंचित कुमार के बीच वाट्सऐप पर हुई बातचीत फुटबॉल के बारे में नहीं, बल्कि बड़ी मात्रा के बारे में थी. आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे ने दावा किया था कि यह बातचीत फुटबॉल के बारे में है.

वकील मानशिंदे ने शुक्रवार को तर्क दिया था कि मजिस्ट्रेट की अदालत के पास जमानत याचिका पर फैसला सुनाने का अधिकार है और उसकी भूमिका आरोपी को केवल हिरासत में भेजने तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा था कि अगर इस अदालत को मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता है, तो उसके पास मुझे रिहा करने की शक्ति है.

वकील ने दावा किया था कि एनसीबी को आर्यन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे कोई षड्यंत्र साबित हो सके. उन्होंने कहा था कि एक विशेष सामाजिक दर्जा रखने वाले आरोपी के लिए जेल में रहना अपमानजनक हो सकता है. उन्होंने कहा था, क्योंकि मेरा परिवार प्रभावशाली है, केवल इस आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि मैं सबूतों से छेड़छाड़ करूंगा.

अदालत ने दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिकाएं केवल यह कहते हुए खारिज कर दीं कि ये सुनवाई योग्य नहीं है. एनसीबी ने मुंबई तट के पास गोवा जा रहे एक क्रूज पोत पर शनिवार रात छापेमारी करने के बाद पिछले सप्ताहांत इन तीनों के साथ कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया था. केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि इन आरोपियों के पास से मादक पदार्थ बरामद हुए हैं. इस मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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