अभिमनोजः किसानों के मुद्दे पर वरुण गांधी किसे आईना दिखा रहे हैं? क्या योगी का साथ मिलेगा?

अभिमनोजः किसानों के मुद्दे पर वरुण गांधी किसे आईना दिखा रहे हैं? क्या योगी का साथ मिलेगा?

प्रेषित समय :23:26:46 PM / Thu, Oct 14th, 2021

नजरिया. किसान आंदोलन के मुद्दे पर अब बीजेपी में भी धीरे-धीरे असहमति सामने आ रही है.

जमीनी सच्चाई को महसूस करते हुए पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी @varungandhi80 ने तो किसानों का खुलकर समर्थन करना भी शुरू कर दिया है, हालांकि इसकी उन्हें कीमत चुकानी पड़ी है, अब वे और उनकी माता मेनका गांधी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नहीं हैं.

वरुण गांधी अब लगातार किसानों का समर्थन कर सरकार को चेतावनी दे रहे हैं, याद रहे, किसान आंदोलन के कारण बीजेपी के जनप्रतिनिधियों को गांवों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अगले यूपी विधानसभा चुनाव में भी यह असर दिखाएगा.

इसलिए बड़ा सवाल यह है कि क्या सीएम योगी और बीजेपी सांसद-विधायक, वरुण गांधी का साथ देंगे?

गुरुवार को वरुण गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का किसानों से जुड़ा 1980 का एक वीडियो शेयर किया है, जिसके साथ उन्होंने लिखा- बड़े दिल वाले नेता के समझदार शब्द!
इस वीडियो में अटल बिहारी वाजपेयी अपने चिर परिचित अंदाज में किसी कार्यक्रम के दौरान किसानों के समर्थन में बोलते हुए तत्कालीन सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि- मैं सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं, दमन के तरीके छोड़ दीजिए, हमें डराने की कोशिश मत कीजिए, किसान डरने वाला नहीं है, हम किसानों के आंदोलन का राजनीति के लिए प्रयोग करना नहीं चाहते हैं, लेकिन हम किसानों की उचित मांग का समर्थन करते हैं, अगर सरकार दमन करेगी, कानून का दुरुपयोग करेगी, शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने की कोशिश करेगी तो किसानों के संघर्ष में कूदने से हम संकोच नहीं करेंगे, हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे!

यकीनन, वरुण गांधी ने सीधे-सीधे पीएम मोदी को सियासी आईना दिखाया है, क्योंकि किसानों के आंदोलन को लेकर पीएम मोदी ही जिद पर अड़े हैं?

उल्लेखनीय है कि वरुण गांधी लगातार आक्रामक हैं.

वरुण गांधी ने कुछ समय पहले भी लखीमपुर हिंसा को हिंदू बनाम सिख की लड़ाई में बदले जाने को लेकर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि- लखीमपुर खीरी को हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है, यह अनैतिक है, उन घावों को फिर से कुरेदना खतरनाक है, हमें राजनीतिक लाभ को राष्ट्रीय एकता के ऊपर नहीं रखना चाहिए!

सियासी सयानों का मानना है कि इन सात वर्षों का इतिहास रहा है कि पीएम मोदी अपने अलावा किसी और के सियासी फायदे-नुकसान की चिंता नहीं करते हैं, लिहाजा किसान आंदोलन को लेकर वे तत्काल कोई निर्णय लेंगे, ऐसा लगता नहीं है, परन्तु क्या यूपी के सीएम योगी और विधायक भी इस मुद्दे पर मोदी को मौन समर्थन देते रहेंगे या वरुण गांधी की तरह खुलकर अपनी बात रखेंगे?

https://twitter.com/i/status/1448533046148231169

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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