एमपी के सिवनी में ज्वेलर्स के यहां हुई लाखों की चोरी में बड़ा खुलासा, जबलपुर का आबकारी अधिकारी निकला मास्टरमाइंड

एमपी के सिवनी में ज्वेलर्स के यहां हुई लाखों की चोरी में बड़ा खुलासा, जबलपुर का आबकारी अधिकारी निकला मास्टरमाइंड

प्रेषित समय :12:14:50 PM / Sat, Oct 16th, 2021

जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में पदस्थ एक सहायक आबकारी अधिकारी ने सरकारी वाहन का उपयोग करते हुए सिवनी के एक ज्वेलर्स के घर में साथियों के साथ मिलकर चोरी की और चोरी का माल जबलपुर के एक सराफा व्यापारी को बेच दिया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब चोरी की वारदात में शामिल एक चोर को पुलिस ने पकड़ा.

पकड़े गये आरोपी ने सारा मामला पुलिस के सामने बयां कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने जबलपुर के सहायक आबकारी अधिकारी, एक पूर्व सैनिक समेत आठ लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है. वहीं दो चोर और जेवर खरीदने वाला सराफा व्यापारी फरार है.

जानकारी के अनुसार आरोपी सहायक आबकारी अधिकारी राजेश चौधरी जबलपुर आबकारी डिपो का प्रभारी है और वह पूरी चोरी का मास्टरमाइंड है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सिवनी के बंडोल में 8 अक्टूबर की रात सराफा व्यापारी अशोक साहू के घर लाखों रुपए के आभूषण और नकदी की चोरी हुई थी. व्यापारी ने 4 लाख 49 हजार रुपए समेत 780 ग्राम सोने के जेवर की चोरी की रिपोर्ट लिखवाई थी.

बताया जा रहा है कि राजेश चौधरी और अमित सिकरवार को डूंडा सिवनी निवासी राधेश्याम टेम्भरे ने व्यापारी के पास लाखों के जेवरात और नकदी की जानकारी दी थी. इसके बाद तीनों ने मिलकर डिंडौरी जिले के शहपुरा के भीमपार गांव निवासी धर्मेंद्र सैयाम से संपर्क किया और साथ में मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया. धर्मेंद्र सैयाम पर पहले से चोरी के कई मामले दर्ज हैं, कुछ साल तक धर्मेंद्र जेल में भी रहा है.

वहीं इन शातिर चोरों से जबलपुर के सराफा व्यापारी गोलू सराफ ने चोरी का माल खरीदा था, जो किसी विधायक का रिश्तेदार बताया जा रहा है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. सिवनी पुलिस ने चोरी से करीब 27 लाख 55 हजार रुपए और कुछ जेवर बरामद किए हैं, जबकि फरियादी अशोक साहू ने 4 लाख 49 हजार रुपए नकद चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि कहीं और भी चोरी इन लोगों ने तो नहीं की है.

पुलिस के अनुसार डिंडोरी का शातिर चोर धर्मेंद्र सैयाम चोरी करने के लिए अकेला शटर तोड़कर मकान में घुसा था, जबकि सहायक आबकारी अधिकारी राजेश चौधरी सहित अन्य लोग मकान के बाहर खड़े होकर निगरानी कर रहे थे. इस दौरान धर्मेंद्र ने चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद लगभग दो लाख रुपए घर के पीछे बने एक खेत में छुपा दिए थे.

वारदात के दूसरे दिन धर्मेंद्र दोबारा इन्हीं पैसों के लिए बखारी गांव पहुंचा था, तभी कुछ लोगों ने पुलिस के द्वारा दिखाए गए सीसीटीवी फुटेज के चलते धर्मेंद्र को पहचान लिया. इसकी सूचना के बाद पुलिस ने वैनगंगा नदी के पास बस को रुकवा कर धर्मेंद्र को धर दबोचा. इसके बाद धर्मेंद्र ने पुलिस के सामने पूरी कहानी खोल कर रख दी.

मामले में सहायक आबकारी अधिकारी राजेश चौधरी से पुलिस लगातार पूछताछ करती रही, लेकिन वह पुलिस के सामने कोई भी ठोस जवाब नहीं दे पाया. एसपी कुमार प्रतीक के अनुसार पुलिस ने जब आबकारी अधिकारी से पूछा कि सरकारी ड्यूटी में होने के बावजूद तुम्हें चोरी करने की क्या जरूरत पड़ गई तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया.

पुलिस ने चोरी के मामले में कुल 12 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया है. इसमें से तीन आरोपित फरार हैं. चोरी जेवर खरीदने वाले जबलपुर के फरार सराफा व्यापारी की तलाश की जा रही है. उसे भी आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने चोरों से अभी तक 27.55 लाख रुपए की नकद राशि जब्त की है. इसके अलावा तीन फोर व्हीलर और 7 मोबाइल हैंडसेट जब्त किए हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, ताकि अन्य चोरी की वारदातों का पता लगाया जा सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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