नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने और लोकल वस्तुओं के लिए वोकल होने की अपील करते रहते हैं. हाल में पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में दिवाली पर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने और लोकल फॉर वोकल के नारे को दोहराया. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के एक अनुमान के मुताबिक, पीएम मोदी की अपील के बाद लोगों के स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी से चीन को हाल के दिनों में 50,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है.
स्वदेशी जागरण मंच से जुड़े अश्वनी महाजन का कहना है कि पीएम मोदी के स्थानीय वस्तुओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की अपील के बाद बाजार में स्वदेशी वस्तुओं के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. अब लोग सबसे पहले स्वदेशी सामान की मांग करते हैं. कई बार लोग विदेशी समान से थोड़ा महंगा होने के बावजूद स्वदेशी सामान ही खरीद रहे हैं. कैट से जुड़े प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि प्रमुख रिटेल सेक्टर जैसे एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज, किचनवेयर, गिफ्ट आइटम, पर्सनल कंज्यूमेबल्स, कंफेक्शनरी आइटम, होम फर्निशिंग, फुटवियर, घड़ियां, घर की सजावट के सामान, मिट्टी के दीयों समेत दिवाली पूजा के सामान का व्यापारियों ने मांग के हिसाब से स्टॉक कर लिया है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया का कहना है कि फेडरेशन की शोध शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से हाल में कई राज्यों के 20 शहरों में एक सर्वेक्षण करवाया गया. सर्वेक्षण में पता चला कि इस साल अभी तक भारतीय व्यापारियों या आयातकों की ओर से दिवाली के सामान, पटाखों या अन्य वस्तुओं का कोई ऑर्डर चीन को नहीं दिया गया है. इस साल दीपावली को पूरी तरह से हिंदुस्तानी दिवाली के रूप में मनाया जाएगा.
भारतीय व्यापारी और निर्यातक हर साल राखी से लेकर नए साल तक चीन से करीब 70 हजार करोड़ रुपये का माल आयात करते थे. चीनी सामानों का बहिष्कार इस साल चीन के कारोबारियों पर भारी पड़ने वाला है. अनुमान के मुताबिक, राखी पर चीन को लगभग 5000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ. फिर गणेश चतुर्थी में 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यही ट्रेंड दिवाली में भी दिख रहा है. अब व्यापारियों के साथ उपभोक्ता भी चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं.
पीएम मोदी और केंद्र सरकार के कई मंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि स्वदेशी व लोकल फॉर वोकल का मंत्र किसी देश के खिलाफ नहीं है. यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने की पहल है. स्वदेशी जागरण मंच के अश्वनी महाजन का कहना है कि जब अमेरिका ‘बी अमेरिकन, बाय अमेरिकन’ का नारा दे सकता है तो भारत स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की बात क्यों नहीं कर सकता. उनका कहना है कि पीएम मोदी ने स्वदेशी का सिर्फ नारा नहीं दिया बल्कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव के जरिये स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा भी दिया. कैट का अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में त्योहारों के मौसम में करीब दो लाख करोड़ रुपये का आंतरिक प्रवाह हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में आज से खुले नर्सरी से 8वीं क्लास तक के स्कूल, मल्टीप्लेक्स भी पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे
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