गृहक्षेत्र में ही विपक्ष ने मार ली बाजी; उपचुनाव के नतीजों ने बढ़ा दी मुख्यमंत्रियों की टेंशन

गृहक्षेत्र में ही विपक्ष ने मार ली बाजी; उपचुनाव के नतीजों ने बढ़ा दी मुख्यमंत्रियों की टेंशन

प्रेषित समय :12:23:19 PM / Wed, Nov 3rd, 2021

उपचुनाव के नतीजे सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए मिले-जुले रहे. कुछ राज्यों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया तो कहीं कांग्रेस बाजी मारने में कामयाब रही. हालांकि, ये नतीजे बीजेपी के दो मुख्यमंत्रियों के लिए परेशानी लेकर आए हैं और ये हैं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और कर्नाटक के सीएम बसवाराज बोमई. ऐसे समय में जब बीजेपी नेतृत्व 'नो रिपीट फॉर्मूला' को सख्ती से लागू कर रही है और पिछले छह महीनों में चार सीएम बदल चुकी है.

हिमाचल प्रदेश में एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे लेकिन चारों ही सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. मंडी लोकसभा सीट पर पूर्व सीएम की पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा सिंह ने जीत दर्ज की. यह जीत बीजेपी सीएम के लिए टेंशन इसलिए है क्योंकि ये उनका गृह क्षेत्र है.

जयराम ठाकुर ने यह हार स्वीकर करते हुए यह कहा कि पार्टी इससे सबक लेगी. ठाकुर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से परिणाम से निराश न होकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी करने के लिए कहा है. लेकिन जयराम ठाकुर के ऊपर कुर्सी जाने का खतरा लगातार मंडरा रहा है.

ठाकुर के लिए गुजरात एक उदाहरण है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी ने इसी साल मुख्यमंत्री पद से लेकर पूरी कैबिनेट को ही बदल दिया ताकि पार्टी को आलोचनाओं से दूर किया जा सके.

वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवाराज बोमई के लिए चुनौती अलग तरह की है. 30 अक्टूबर का उपचुनाव इस लिंगायत समुदाय के नेता के लिए सबसे बड़ी परीक्षा थी. बोमई को इसी साल येदियुरप्पा को हटाने के बाद कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया गया.

कर्नाटक की सिंडगी और हंगल दो सीटों पर उपचुनाव हुए. इसमें से सिंडगी सीट पर बीजेपी ने जीत भी हासिल की लेकिन हंगल सीट ज्यादा बड़ी चुनौती है. मुख्यमंत्री बनने के बाद बसवाराज बोमई के लिए यह पहली चुनावी चुनौती थी और हंगल सीट उनके शिग्गावं विधानसभा क्षेत्र का पड़ोसी निर्वाचन क्षेत्र है. हालांकि, यह सीट बीजेपी हार गई, वह भी तब जब खुद मुख्यमंत्री ने इस सीट पर चुनावी कैंपेन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. हालांकि, सीएम बोमई ने ट्विटर पर इस हार को लोकतंत्र का हिस्सा बताया. उन्होंने ट्वीट किया कि लोकतांत्रिक सिस्टम में हार सामान्य बात है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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