फ्रेंच पोर्टल का दावा- डसॉल्ट ने 36 राफेल जेट बेचने के लिए दी 65 करोड़ की रिश्वत, दस्तावेज के बावजूद सीबीआई-ईडी ने जांच नहीं की

फ्रेंच पोर्टल का दावा- डसॉल्ट ने 36 राफेल जेट बेचने के लिए दी 65 करोड़ की रिश्वत, दस्तावेज के बावजूद सीबीआई-ईडी ने जांच नहीं की

प्रेषित समय :17:20:47 PM / Mon, Nov 8th, 2021

नई दिल्ली. भारत और फ्रांस के बीच हुई राफेल लड़ाकू विमानों की डील में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर कुछ नए दावे सामने आए हैं. फ्रांस के पोर्टल मीडियापार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट ने भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की बिक्री को सुरक्षित करने के लिए एक बिचौलिए को 7.5 मिलियन यूरो (65 करोड़ रुपए) का कमीशन दिया. वहीं, भारतीय एजेंसियों ने डॉक्युमेंट्स होने के बावजूद इसकी जांच शुरू नहीं की है.

पोर्टल का कहना है कि सीबीआई और ईडी के पास अक्टूबर 2018 से सबूत मौजूद हैं कि डसॉल्ट ने राफेल जेट की बिक्री को सुरक्षित करने के लिए सुशेन गुप्ता को रिश्वत दी थी. इस कथित भुगतान का बड़ा हिस्सा 2013 से पहले किया गया था. इससे जुड़े डॉक्युमेंट मौजूद हैं. इसके बावजूद, भारतीय पुलिस ने केस को आगे नहीं बढ़ाया और जांच शुरू नहीं की है.

रिपोर्ट पर फ्रांस में गरमाई राजनीति, शुरू हुई जांच

फ्रांस का यह ऑनलाइन जर्नल 59,000 करोड़ रुपए के राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है. राफेल पेपर्स पर मेडियापार्ट की जांच ने जुलाई में फ्रांस में राजनीति काफी गरमा दी थी. रिपोर्ट सामने आने के बाद इस मामले में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों में न्यायिक जांच शुरू की.

शेल कंपनी के जरिए रिश्वत लेने का आरोप

सुशेन गुप्ता पर अगस्ता वेस्टलैंड से मॉरीशस में रजिस्टर्ड एक शेल कंपनी के जरिए रिश्वत लेने का आरोप है. रिपोर्ट के मुताबिक, डसॉल्ट ने 2001 में सुशेन गुप्ता को बिचौलिए के तौर पर हायर किया, इसी समय भारत सरकार ने लड़ाकू विमान खरीदने का ऐलान किया था. हालांकि, इसकी प्रक्रिया 2007 में शुरू हुई. गुप्ता अगस्ता वेस्टलैंड डील से भी जुड़ा था.

मॉरिशस सरकार ने 2018 को सीबीआई को सौंपे डॉक्युमेंट्स

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुशेन गुप्ता की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज ने 2007 और 2012 के बीच फ्रांसीसी विमानन फर्म से 7.5 मिलियन यूरो (करीब 65 करोड़ रुपए) हासिल किए. यह भी खुलासा किया है कि मॉरिशस सरकार ने 11 अक्टूबर 2018 को इससे जुड़े डॉक्युमेंट्स सीबीआई को भी सौंपे दिए थे, जिसे बाद में सीबीआई ने ईडी से साझा किया.

भारतीय आईटी कंपनी आईडीएस के भी शामिल होने का दावा

मीडियापार्ट ने दावा किया है कि इस मामले में एक भारतीय आईटी कंपनी आईडीएस भी शामिल है. इस कंपनी ने 1 जून 2001 को इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीस के साथ डील की, जिसमें यह तय हुआ कि डसॉल्ड एविएशन और आईडीएस के बीच जो भी कॉन्ट्रैक्ट होगा, उसकी वैल्यू का 40त्न कमीशन इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीस को दिया जाएगा. आईडीएस अधिकारी ने सीबीआई को बताया कि यह डील गुप्ता के वकील गौतम खेतान ने की थी, जो अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच के दायरे में है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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