पंजाब: सिद्धू के आगे झुकी चन्नी सरकार, एडवोकेट जनरल बदले गए; यूपीएससी से पैनल आने के बाद डीजीपी भी होंगे चेेंज

पंजाब: सिद्धू के आगे झुकी चन्नी सरकार, एडवोकेट जनरल बदले गए; यूपीएससी से पैनल आने के बाद डीजीपी भी होंगे चेेंज

प्रेषित समय :18:19:45 PM / Tue, Nov 9th, 2021

चंडीगढ़. पंजाब की कांग्रेस सरकार प्रदेश पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू के दबाव में झुक गई है. पंजाब के एडवोकेट जनरल (एजी) एपीएस देयोल का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. इसकी सूचना गवर्नर को भेजी जाएगी और कल पंजाब में नए एजी की नियुक्ति कर दी जाएगी.

वहीं, डीजीपी इकबालप्रीत सहोता को भी हटाया जाएगा. इसके लिए सरकार यूपीएससी के पैनल का इंतजार करेगी. हालांकि सहोता का हटना अब तय है. मंगलवार को कैबिनेट के बाद सीएम चरणजीत चन्नी ने प्रेस कान्फ्रेंस में इसकी घोषणा की. इस मौके पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू भी उनके साथ मौजूद थे. इससे पहले ही सीएम चन्नी और सिद्धू के बीच मीटिंग हुई. जिसमें स्पष्ट हो गया था कि डीजीपी और एजी की छुट्टी होनी तय है. इसीलिए सिद्धू भी प्रेस कान्फ्रेंस में पहुंचे. सिद्धू ने इतना जरूर कहा कि उनकी किसी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. हालांकि सीधे तौर पर एजी और डीजीपी के बारे में सिद्धू ने कुछ नहीं कहा.

एजी का इस्तीफा मंजूर

एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल पहले ही इस्तीफा दे चुके थे. कैबिनेट की मीटिंग में उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया. पिछली कैबिनेट में इस पर चर्चा ही नहीं हुई तो सिद्धू भड़क गए थे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर ही सवाल उठा दिए थे. सिद्धू का कहना है कि एपीएस देयोल ने बेअदबी के गोलीकांड केस में मुख्य आरोपी पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलाई, इसलिए उन्हें नियुक्त करना गलत है.

डीजीपी को भी जल्द हटाया जाएगा

इकबालप्रीत सहोता अभी परमानेंट डीजीपी नहीं हैं. उन्हें सिर्फ डीजीपी का चार्ज दिया गया है. ऐसे में सरकार ने उन्हें हटाने के लिए पैनल का इंतजार करने को कहा है. जिससे सिद्धू भी सहमत हुए हैं. सिद्धू का कहना है कि डीजीपी सहोता ने बेअदबी केस की जांच में बादल परिवार को क्लीन चिट दी थी. पंजाब सरकार कोशिश करेगी कि जल्द ही पैनल आए और सहोता की जगह दूसरा डीजीपी लगा दिया जाए.

सिद्धू के पसंदीदा अफसर भी नहीं लगेंगे

सूत्रों की मानें तो डीजीपी और एजी के पद पर सिद्धू के कहे अनुसार भी अफसर नहीं लगेंगे. सिद्धू अभी तक एजी के लिए एडवोकेट डीएस पटवालिया और डीजीपी के लिए सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को लगाने की बात कह रहे थे. हालांकि नए अफसरों की नियुक्ति सरकार अपने स्तर पर ही करेगी. इतना जरूर है कि उनका बेअदबी और ड्रग्स केस से कोई वास्ता न रहा हो, इसका खास ख्याल रखा जाएगा.

कांग्रेस की चुनावी मजबूरी बनी वजह

सिद्धू ने सोमवार को ही चेतावनी दी कि सरकार और कांग्रेस चुन ले कि उन्हें समझौते वाले अफसर चाहिए या पंजाब कांग्रेस का चीफ. साफ तौर पर माना गया कि सिद्धू फिर से इस्तीफा दे सकते हैं. पंजाब चुनाव में कुछ महीने बाकी है. ऐसे में सिद्धू के जाने से कांग्रेस को नुकसान का डर सता रहा है. ऐसे वक्त में जबकि दिग्गज कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं. इसलिए पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी के हस्तक्षेप के बाद सरकार को फैसला बदलना पड़ा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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