गोरखपुर. करीब नौ साल पहले धूमधाम से ब्याह रचाकर घर में दुल्हन लाने वाला रेलवे इंजीनियर राजेश पांडेय अब सोनिया बनकर दूल्हे संग सात फेरे लेने की तैयारी में है. उसने सोनिया बनने के लिए करीब चार साल पहले लंबी सर्जरी कराई. जेंडर बदलने के बाद नई पहचान पाने के लिए रेलवे में भी लंबी जद्दोजहद करनी पड़ी. नए साल में नए जीवन को लेकर उत्साहित सोनिया ने बताया कि अब वह राजेश नाम और उससे जुड़ी हर पहचान से निजात पा चुकी है.
सोनिया (पूर्व में राजेश पांडेय) इज्जनगर मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड वन पद पर तैनात है. पिता की मौत के बाद अनुकंपा के तहत 19 मार्च 2003 को राजेश रेलवे में भर्ती हुआ. परिवार में चार बहनें और मां हैं. वर्ष 2017 में राजेश लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गया और उसने अपना नाम सोनिया रख लिया. पुरुष कर्मचारी के महिला बनने का रेलवे के इतिहास में भी यह पहला मामला है.
जेंडर बदलने के लिए रेलवे से लगाई थी गुहार
इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पाण्डेय (वर्तमान में सोनिया) का एक अनोखा मामला सामने आया था. लिंग परिवर्तन कराने के बाद उसने अफसरों से गुहार लगाई थी उसे रेलवे के रिकार्ड में महिला दर्ज किया जाए. अनोखा और दुर्लभ मामला होने के कारण इज्जतनगर मण्डल ने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा. महाप्रबंधक ने यह मामला रेलवे बोर्ड को भेजा. आखिरकार रेलवे बोर्ड के निर्देश पर राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया गया.
जेंडर डिस्फोरिया के तहत महिला के रूप में पहचान
मुख्य कारखाना प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर जेंडर डिस्फोरिया यानी एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह के तहत महिला की पहचान दी है. जेंडर डिस्फोरिया में अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों के स्त्री देह में पुरुष मन या पुरुष देह में स्त्री मन होता है. यह हार्मोन के बदलाव का नतीजा है.
श्रृंगार करना अच्छा लगाता था
सोनिया ने बताया कि पिता की मृत्यु के बाद के मृतक आश्रित कोटे के तहत उसे 2003 में बरेली के वर्कशॉप में नौकरी मिली थी. उसे हमेशा से महिलाओं जैसे अहसास होते थे. लगता था कि वह एक स्त्री है. उसे महिलाओं की तरह श्रृंगार करना अच्छा लगा था.
दो साल तक चला था राजेश का रिश्ता
घर वालों ने राजेश की 2012 में बड़ी धूमधाम से शादी की थी. छह महीने तक पति-पत्नी साथ रहे जरूर, लेकिन कभी एक-दूसरे के करीब नहीं आए. सोनिया बताती हैं कि ये रिश्ता महज दो साल तक ही चल पाया और फिर पत्नी ने तलाक ले लिया.
दिसंबर 2017 में करवा ली सर्जरी
सोनिया बताती हैं कि तलाक लेने के बाद दिल्ली के एक निजी अस्पताल में सर्जरी कराकर जेंडर बदल लिया था. उसके बाद से महिला के रूप में मान्यता पाने के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-विश्व स्तरीय हबीबगंज रेलवे स्टेशन का रेलवे बोर्ड चेयरमैन व पमरे के जीएम ने किया निरीक्षण
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