चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आदेश दिया है कि राज्य के सभी स्कूलों में अब पहली कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक पंजाबी विषय को जरूरी कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगर कोई स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करेगा और पंजाबी विषय नहीं पढ़ाएगा तो उसके ऊपर 2 लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि राज्य में किसी जगह या मार्ग को दर्शाने वाले जितने भी बोर्ड होंगे उनपर भी सबसे ऊपर पंजाबी में लिखा जाएगा.
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, विधानसभा चुनाव सामने देखते हुए मुख्यमंत्री कई लोकलुभावन फैसले कर रहे हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री ने बिजली और पानी के बिलों को लेकर बड़ा फैसला किया है, इसके अलावा पंजाब में रेत के रेट भी तय किए गए हैं.
हालांकि मुख्यमंत्री चन्नी को अपने कुछ फैसलों की वजह से बैकफुट पर भी आना पड़ा है और फैसले वापस भी लेने पड़े हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी ने वरिष्ठ वकील एपीएस दयोल को पंजाब का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था, लेकिन पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दयोल की नियुक्ति का भारी विरोध किया था और अपना त्यागपत्र तक सौंप दिया था. बाद में जब सिद्धू ने अपना त्यागपत्र वापस लिया तो मुख्यमंत्री चन्नी को भी एडवोकेट जनरल का त्यागपत्र स्वीकार करना पड़ा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सीएम चन्नी का ऐलान: पंजाब में पेट्रोल 10 रुपए और डीजल 5 रुपए होगा सस्ता
सीएम चन्नी ने दिया सिद्धू को झटका: एडवोकेट जनरल का इस्तीफा किया नामंजूर
पंजाब के लोगों को चन्नी सरकार का दिवाली गिफ्ट, बिजली की दरों में प्रति यूनिट 3 रुपये की कमी
कैप्टन अमरिंदर ने CM चन्नी पर साधा निशाना, कहा- किसानों से झूठे वादे ना करें
Leave a Reply