15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच सूर्य का गोचर केतु से होगा जो की वृश्चिक राशि मे विराजमान है और 12 अप्रैल को तुला राशि मे जायेंगे यानी केतु महाराज धीरे धीरे वृश्चिक राशि से तुला राशि की और जा रहे है, यानी जैसे ही सूर्यदेव वृश्चिक राशि मे आएंगे वैसे ही सूर्य का इनसे मिलन होगा और ये मिलन संसार के किसी बड़े नेता और पूर्वोत्तर के किसी बड़े राष्ट्र के लिए हानिकारक होगा.
पूर्वोत्तर के देशों के लिए बड़ा खतरा
सूर्य का वृश्चिक राशि जो की मंगल की राशि मे केतु से गोचर पूर्वोत्तर राष्ट्रों चीन, जापान,कोरिया देशों, ताइवान, फिलीपीन्स, इंडोनेशिया आदि के लिए बड़ा खतरे के रूप मे देखा जा सकता है, इन देशों मे कोई बड़ी आपदा, महामारी आ सकती है,किसी बड़े नेता का अचानक और रहस्यमय निधन हो सकता है.
*ये तारीख है घातक
23 नवंबर से 25 नवंबर तक का समय सूर्य केतु की अंशात्मक युति का समय है,यह समय अत्यंत घातक है, अचानक वज्रपात, उल्कापात, मौसम की खराबी, ज्वालामुखी, सुनामी के कारण जनहानि का योग बनेगा.
*इन तारीख मे जन्मे लोगो के लिए खतरा
जिनका जन्म 15 मई से 15 जून तथा 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच हुआ है, उनके लिए घातक समय है,इन लोगो को सतर्क रहना होगा, अचानक दुर्घटना,बिजली गिरना, प्राकृतिक आपदा, जहरीले जानवर से घात आदि से खतरा उत्पन्न हो सकता है,इन सबसे बचना होगा.
*इन राशियों के लिए घातक*-
मेष,वृषभ,कर्क,सिंह,तुला
वृश्चिक राशि वालों के लिए समय अत्यंत घातक है, संभल कर चलना होगा.
*उपाय*- भगवान गणेश की पूजा, केतु की ग्रह शांति और हवन करवाएं,
किसी भी पवित्र जगह के पास और सूर्य की ओर मुंह करके पेशाब न करें.
पिता और माता के स्वास्थ्य का ध्यान दे, हृदय रोगी इस समय अपना ध्यान रखें,मन ईश्वर की ओर लगाकर रखें.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा" हिमांशु
9893280184,7000460931
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