नई दिल्ली. दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ रहा है और भारत में भी इसके निवेशकों की संख्या दिन-रात बढ़ रही है. इस बीच भारत सरकार ने भी क्रिप्टो करेंसी के लिए दरवाजे बंद नहीं करने का फैसला किया है.
भारत सरकार ने Crypto पर अलग रवैया अपनाने का फैसला किया है. भारत में क्रिप्टो करेंसी को मुद्रा के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी. इसका मतलब यह है कि अगर किसी के पास बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी है तो वह उससे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते हैं, लेकिन उसे करेंसी की तरह किसी सेवा या सामान के लिए पेमेंट करने में उपयोग नहीं कर सकते.
Active Solicitation नहीं
क्रिप्टो करेंसी के नियमन के मसले पर भारत सरकार की समिति और ब्रोकरेज एवं ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की मीटिंग में जिस एक मुद्दे पर सहमति बनी है उसमें से एक यह है कि भारत में क्रिप्टो करेंसी का एक्टिव सॉलीसिटेशन नहीं किया जाएगा. इसका मतलब यह है कि निवेशकों को किसी भी तरीके से क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए प्रेरित नहीं किया जाएगा. इसका एक मतलब यह भी है कि क्रिप्टोकरंसी के भाव में होने वाले भारी उतार-चढ़ाव को दिखाकर निवेशकों को शानदार रिटर्न का वादा भी नहीं किया जा सकेगा.
Active Solicitation का मतलब
एक्टिव सॉलीसिटेशन का मतलब यह है कि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा आम लोगों को एक संवाद के रूप में उसके फायदे बताकर अपनी सेवाओं को खरीदने या सब्सक्राइब करने के लिए लुभाना. अगर कोई कंपनी निवेशकों को कुछ साल बाद के वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए किसी निवेश विकल्प में जाने को प्रेरित करती है तो उसे एक्टिव सॉलीसिटेशन कहते हैं. मसलन अगर आप पांच साल बाद कार खरीदने के लिए दस लाख रुपये जोड़ना चाहते हैं तो आपको यह कहा जा सकता है कि हर महीने इस स्कीम में सिर्फ 10,000 रुपये हर महीने निवेश करने की जरूरत है.
निवेश पर रिटर्न का वादा नहीं
हाल में संपन्न हुए कई क्रिकेट मैच में क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज ने जमकर विज्ञापन दिया था. क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज अपने विज्ञापन में यह बताती हैं कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश इन्वेस्टमेंट का शानदार विकल्प है.इस निवेश से बेहतरीन रिटर्न कमाने में सफलता मिल सकती है. कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज फिक्स डिपाजिट के रिटर्न की तुलना क्रिप्टो के डिपाजिट से करने के बाद निवेशकों को यह बताने में जुटे हैं कि क्रिप्टो में शानदार भविष्य है. अगर वह क्रिप्टो में निवेश करते हैं तो उन्हें बैंक फिक्स डिपाजिट या निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शानदार रिटर्न मिल सकता है.
शेयर भी नहीं करते गारंटीड रिटर्न का वादा
भारत में मौजूदा नियमों के अनुसार शेयर बाजार में निवेश का विकल्प उपलब्ध कराने वाले ऑप्शन भी निवेशकों को गारंटीड रिटर्न का वादा नहीं करते. ऐसे में क्रिप्टो एक्सचेंज अगर शानदार रिटर्न की तस्वीर दिखा कर निवेशकों को अपने प्लेटफार्म पर आने के लिए लुभाते हैं तो यह नियमों का सीधा-सीधा उल्लंघन है. भारत सरकार की इस मीटिंग में ऐसे संकेत मिले हैं कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया या सेबी को एक संपत्ति के रूप में क्रिप्टो करेंसी के नियमन की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-क्रिप्टो करेंसी में आयी गिरावट: 6 फीसदी नीचे आई बिटकॉइन की वैल्यू
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