नई दिल्ली. ताइवान ने लिथुआनिया की राजधानी विलनियस में गुरुवार को एक प्रतिनिधित्व कार्यालय खोला है, जिससे चीन काफी नाराज हो गया है. स्वशासित द्वीप और लिथुआनिया, जुलाई में इस बात पर सहमत हुए थे कि विलनियस के कार्यालय को चीनी ताइपे के बजाय ताइवान के नाम से संबोधित किया जाएगा. कई देश चीन को नाराज ना करने के लिए ताइवान को चीनी ताइपे कहते हैं. चीन, ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है. लिथुआनिया के विदेश मंत्री गेब्रियल लैंडसबर्गिस ने पत्रकारों से कहा, हम पूरे एशियाई और हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में सभी के साथ करीबी संबंध चाहते हैं .
उन्होंने कहा, लिथुआनिया ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में एक दूतावास खोला था, एक अन्य दक्षिण कोरिया में भी खोला जाएगा और भविष्य में ताइपे में भी प्रतिनिधि कार्यालय खोल सकता है. वहीं चीन ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे बेहद घिनौना कृत्य बताया और कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाला कोई भी कदम ‘विफल होने के लिए बर्बाद’ होगा. चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हम मांग करते हैं कि लिथुआनियाई पक्ष अपने गलत निर्णय को तुरंत ठीक करे.
इससे पहले इसी साल विलनियस में ताइवान कार्यालय खोलने की योजना तय होने के बाद चीन ने विलनियस से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था और मांग की थी कि लिथुआनिया भी बीजिंग से अपने दूत को वापस बुला ले. चीन ने अपने राजदूत को वापस बुलाकर बाल्टिक देश से उसके गलत निर्णय को सुधारने व इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाने और फिर कभी गलत मार्ग पर नहीं चलने के लिए कहा था. बयान में लिथुआनिया से कहा गया था कि अगर उसने कार्यालय खोलने की अनुमति दी तो उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है.
लिथुआनिया के विदेश मंत्रालय ने चीन के कदम पर खेद व्यक्त करते हुए जोर देकर कहा था कि वह ‘एक चीन’ के सिद्धांत का सम्मान करता है, लेकिन वह ताइवान के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध विकसित करने के लिए तैयार है, जैसे कि अन्य कई देश कर चुके हैं. चीन का कहना है कि ताइवान के पास राजनयिक पहचान नहीं है. हालांकि फिर भी ताइवान व्यापार कार्यालयों के जरिए अमेरिका और जापान समेत सभी प्रमुख देशों से अनौपचारिक संबंध रखता है. इन कार्यालयों को वास्तव में उसका दूतावास माना जाता है. चीन के दबाव के चलते ताइवान के केवल 15 देशों के साथ ही राजनयिक संबंध हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चीन से बढ़ते तनाव के बीच बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बॉयकॉट पर विचार कर रहा अमेरिका- जो बाइडन
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